मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार और भाजपा का विकास!

मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार और भाजपा का विकास!

एब्सल्यूट कमेंट : योगेंद्र चतुर्वेदी

पीएमओ कार्यालय का कॉरपोरेट तरीके से मंत्रियों के कार्य की समीक्षा कर कई कद्दावर मंत्रियों को चलता करना, कई मंत्रियों के पर कतरना, पीएमओ के हिसाब से चलने वाले मंत्रियों को उपकृत करना और सिर्फ एक मंत्री को नजरंदाज करना। मोदी मंत्रिमंडल के बहुप्रतीक्षित विस्तार व पुनगर्ठन का यही सार है। इसके साथ ही सभी समीकरण इस तरह बिठाना कि आने वाले चुनावों को देखते हुए भाजपा का विकास सम्भव हो सके। सभी नए मंत्री जातीय और क्षेत्रीय आधार पर चयनित किए गए हैं, ताकि भाजपा का विकास किया जा सके। इसके लिए सहयोगी दलों के साथ-साथ पार्टी बदलकर आए नेताओं को भी उपकृत किया गया है। पर पीएमओ ने सभी मुख्य मंत्रालय पूर्व अधिकारियों को देकर ये भी साबित कर दिया कि भाजपा के नेताओ में वो योग्यता नहीं है जो जमीनी नेता तो है और भाजपा को सत्ता दिलाने की ताकत भी रखते हैं, पर मंत्रालय चलाने के लायक नहीं है।
अमित शाह और राजनाथ सिंह को छोड़कर सभी दिग्गज मंत्रियों के पर कतर कर कई नए मंत्रियों को राज्यमंत्री का झुनझुना भी पकड़ाया है, जो सिर्फ औपचारिक मंत्री ही रहने वाले है। थावरचंद गहलोत को राज्यपाल बनाकर शोभित कर दिया गया तो रविशंकर, हर्षवर्धन और प्रकाश जावड़ेकर सरीखे कई बड़े मंत्रियों को निपटा दिया गया। प्रह्लाद पटेल को डीमोट कर दिया गया तो अनुराग ठाकुर, हरदीप पुरी , किरेन जैसे नेताओ को पीएमओ के हिसाब से चलने पर पारितोषिक के तौर पर कैबिनट मंत्री बनाकर उपकृत किया गया और स्मृति जैसे कुछ नहीं कर पा रहे मंत्रियों को नजरंदाज करने में ही पीएमओ ने अपनी भलाई समझी। कौन साहब से पंगा ले, इनकी समीक्षा करके! कुल मिलाकर मंत्री कोई भी बने चलनी तो पीएमओ की ही है। अगर भविष्य में नये मंत्री इस कॉरपोरेट हाउस के हिसाब से चलेंगे तो पारितोषिक, वरना घर भी बैठाया जा सकता है । अब अगर पीएमओ को फुर्सत मिल गयी हो भाजपा के विकास से तो जरा आम नागरिक की भी सुध ले लीजिएगा, जो नोटबंदी, जीएसटी और कोरोना की मार से बढ़ी हुई महंगाई से बदतर होती जा रही जिंदगी को झेल रहे हैं। पेट्रोल और डीजल की दरों ने आमजीवन के उपयोग की सभी वस्तुओं की कीमत बढ़ा दी है। अंतराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें कम हो चुकी है और जनता के पैसे से तेल की पुरानी उधारी भी कम हो चुकी है तो अब पूर्व सरकारों पर ठीकरा फोड़ने की बजाय पेट्रोल ओर डीजल को जीएसटी के अंतर्गत लाकर आम जनता को इस महंगायी से मुक्ति दिलाइए, जिससे राहत मिले ओर आपको भी इनकी बद्दुआओं से बचाकर पूर्व सरकारों की स्थिति में ना लाए! सभी नए मंत्रियों को शुभकामनाएं और अपने विवेक से चलने की उम्मीद ताकि जनता के हित हेतु निर्णय ले सकें।

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