तेल की कीमतों से लोग हलकान, केंद्रीय बैंक ने की पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कटौती की वकालत

तेल की कीमतों से लोग हलकान, केंद्रीय बैंक ने की पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कटौती की वकालत

नई दिल्ली। भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों को लेकर हाहाकार मचा है। लगातार बढ़ती कीमतों ने लोगों को हलकान किया हुआ है। देश में ग्राहक पेट्रोल व डीजल के बेस प्राइस यानी एक्स फैक्टरी का लगभग तीन गुना ज्यादा दे रहे हैं। ऐसे में ईंधन की कीमतों में वृद्धि से चिंतित, आज भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अप्रत्यक्ष रूप से सरकार से पेट्रोलियम उत्पादों पर करों में कटौती करने का आग्रह किया। दास ने कहा कि, ‘ईंधन पर अप्रत्यक्ष करों के एक कैलिब्रेटेड रिवर्सल के माध्यम से लागत-पुश दबावों को नियंत्रित करने के प्रयास मुद्रास्फीति की अधिक निरंतर कमी में योगदान कर सकते हैं।’

पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में होनी चाहिए कटौती 
दास ने कहा कि पिछली एमपीसी बैठक की तुलना में आज देश बेहतर स्थिति में है। ग्रोथ के मजबूत संकेत हैं और महंगाई की चाल उम्मीद से बेहतर है। महंगाई के बारे में उन्होंने कहा कि यह आरबीआई के अनुमानों से कम है लेकिन कोर इनफ्लेशन चिंताजनक है। महंगाई को काबू में रखने के लिए पेट्रोल-डीजल पर टैक्स में कटौती होनी चाहिए। 

आज फिर बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम 
मालूम हो कि सरकारी तेल कंपनियों की ओर से आज तीसरे दिन भी पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी हुई है। आज डीजल के दाम में 34 से 37 पैसे तो वहीं पेट्रोल के दाम 26 से 30 पैसे बढ़े हैं। दिल्ली में पेट्रोल का दाम 103.54 रुपये जबकि डीजल का दाम 92.12रुपये प्रति लीटर है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत 109.54 रुपये व डीजल की कीमत 99.92 रुपये प्रति लीटर है। कोलकाता में पेट्रोल का दाम 104.23 रुपये जबकि डीजल का दाम 95.23 रुपये लीटर है। वहीं चेन्नई में भी पेट्रोल 101.01रुपये लीटर है तो डीजल 96.60 रुपये लीटर है। मध्यप्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में पेट्रोल का भाव 100 रुपये पार हो चुका है। मुंबई में पेट्रोल की कीमत सबसे अधिक है। 

FY22 में 5.3 फीसदी रह सकती है सीपीआई मुद्रास्फीति
मुद्रास्फीति पर दास ने कहा कि, वित्त वर्ष 2021-2022 में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.3 फीसदी रह सकती है। पिछली बैठक में 5.7 फीसदी का अनुमान लगाया गया था। दूसरी तिमाही में महंगाई दर 5.1 फीसदी रह सकती है, तीसरी तिमाही में 4.5 और चौथी तिमाही में यह 5.8 फीसदी हो सकती है। वहीं केंद्रीय बैंक ने कहा कि वित्त वर्ष 2022-2023 की पहली तिमाही में सीपीआई मुद्रास्फीति 5.2 फीसदी रह सकती है। 

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