एससीओ वेबिनार: सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया अहम, इंदिरा गांधी को सराहा

एससीओ वेबिनार: सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बताया अहम, इंदिरा गांधी को सराहा

नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की एक वेबिनार में कहा कि भारत में 2022 से महिलाओं को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) जैसे प्रमुख सैन्य प्रशिक्षण संस्थानों में शामिल किया जाएगा। ‘सशस्त्र बलों में महिलाओं की भूमिका’ विषय पर एससीओ की अंतरराष्ट्रीय वेबिनार को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि महिलाओं को पहले ही सैन्य पुलिस कॉर्प्स में शामिल किया जा चुका है।

सिंह ने कहा, ‘मुझे आपको यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अगले साल से महिलाएं हमारे प्रमुख तीनों सेवाओं के लिए पूर्व-कमीशन प्रशिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में शामिल हो सकेंगी।’ वहीं, वेबिनार में शामिल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने पैराट्रूपर्स, सबमरीनर्स और फाइटर पायलट जैसी युद्धक भूमिकाओं में अपनी क्षमताएं साबित की हैं।

‘महिलाओं ने अपनी क्षमता साबित की है’
जनरल रावत ने कहा, आज के समय में पूरी दुनिया में महिलाएं सशस्त्र बलों में अपनी सेवाएं दे रही हैं। भारतीय सेना में महिला सैनिकों का प्रशिक्षण कठिन है और इससे विभिन्न परिस्थितियों में उन्हें अपने कार्यों को अंजाम देने में मदद मिली है। आज, युद्ध के नजरिए से पुरुषों और महिलाओं की भूमिका के बीच का अंतर धुंधला होता जा रहा है… महिलाओं ने अपनी क्षमताएं साबित की है और वे भविष्य में भी ऐसा ही करती रहेंगी।

इंदिरा गांधी की नेतृत्व क्षमता को सराहा
इस दौरान राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की भी सराहना की। उन्होंने पाकिस्तान के साथ साल 1971 के युद्ध में इंदिरा गांधी की भूमिका का उल्लेख करते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री ने न केवल कई वर्षों तक हमारे देश का नेतृत्व किया बल्कि युद्ध की परिस्थियिों में भी उन्होंने देश की बागडोर संभाले रखी थी। इसके साथ ही रक्षा मंत्री ने झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल का भी उदाहरण दिया।

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