नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और आयकर विभाग नोएडा में एनबीसीसी के पूर्व महाप्रबंधक के घर पर छापेमारी कर रहे हैं। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को भी मामले में आरोपी बनाया गया है।डीके मित्तल के नोएडा सेक्टर-19 के आवास परछापेमारी जारी है।
सीबीआई ने बताया कि छापेमारी के दौरान कुल 1.2 करोड़ रुपये नकद और नगद गिनने की मशीनें भी बरामद की गई हैं।
सीबीआई ने कहा कि उन्होंने दिल्ली जल बोर्ड के पांच अधिकारियों- जगदीश कुमार अरोड़ा, पी.के. गुप्ता, सुशील कुमार गोयल, अशोक शर्मा, रंजीत कुमार और डी.के. मित्तल के खिलाफ केस दर्ज किया है।
सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी व्यक्तियों ने एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्च र लिमिटेड को अनुचित लाभ प्रदान करने की साजिश रची थी और इसे तकनीकी रूप से योग्य बनाया था (जो अन्यथा कथित रूप से योग्य नहीं था)।
दिल्ली जल बोर्ड के पांच वर्षों के लिए विद्युत चुम्बकीय प्रवाह मीटर की आपूर्ति, स्थापना, परीक्षण और कमीशनिंग और संबंधित ओ एंड एम संचालन के लिए दिसंबर 2017 में एक निविदा एनआईटी 22 जारी की गई थी।
आरोपी और एनकेजी इंफ्रास्ट्रक्च र लिमिटेड ने एनबीसीसी द्वारा जारी झूठे प्रमाण पत्र और फर्जी विचलन बयान की मदद से 38.02 करोड़ रुपये का टेंडर हासिल किया।
सीबीआई अधिकारी ने कहा कि उन्होंने एनसीआर में आरोपियों के परिसरों में 10 स्थानों पर छापे मारे जिससे आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद हुए।