अखिलेश बोले- वोट के लिए वापस हुए कानून, राकेश टिकैत ने कहा- 22 को लखनऊ में महापंचायत होगी

अखिलेश बोले- वोट के लिए वापस हुए कानून, राकेश टिकैत ने कहा- 22 को लखनऊ में महापंचायत होगी

लखनऊ। पिछले एक साल से दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसानों की मांग आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मान ली। केंद्र सरकार ने तीनों नए कृषि कानून वापस ले लिए हैं। कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद जहां गाजीपुर बॉर्डर पर जश्न शुरू हो गया है तो यूपी में सियासत भी शुरू हो गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कृषि कानून चाहें जैसे भी रहे हों, लेकिन अगर कहीं से भी आवाज निकली है तो लोकतंत्र में संवाद की अनसुनी नहीं कर सकते। संवाद से हम इन समस्याओं का समाधान करेंगे। अखिलेश ने कहा कि अमीरों की भाजपा ने भूमि अधिग्रहण व काले कानूनों से गरीबों-किसानों को ठगना चाहा। भाजपा बताए सैंकड़ों किसानों की मौत के दोषियों को सजा कब मिलेगी। कृषि कानून वोट के लिए वापस हुए हैं।

इधर, मुंबई से राकेश टिकैत ने कहा है कि जब तक कागज नहीं मिलता है हम दिल्ली बॉर्डर से नहीं हटेंगे। हमारी एक कमेटी बनेगी जो अलग-अलग मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेगी। 22 नवंबर को लखनऊ में महापंचायत होगी।

प्रियंका ने कहा- सरकार को झुकना ही पड़ता है
प्रियंका गांधी ने कहा कि यह सरकार समझ गई है कि इस देश में किसानों से बड़ा कोई नहीं है। इस देश में एक सरकार अगर किसानों को कुचलने की कोशिश करती है और किसान खड़ा हो जाता है तो सरकार को अंत में झुकना ही पड़ेगा। उधर, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यह फैसला बहुत पहले ले लेना चाहिए था। MSP को लेकर भी सरकार फैसला करे। इस आंदोलन के दौरान किसान शहीद हुए हैं, उन्हें केंद्र सरकार आर्थिक मदद और नौकरी दे।

किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अभी आंदोलन वापस नहीं होगा। हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करे। अब होगी घर वापसी! संयुक्त मोर्चा ने कहा कि संघर्ष में करीब 700 किसान शहीद हुए हैं। लखीमपुर खीरी हत्याकांड समेत, इन टाली जा सकने वाली मौतों के लिए केंद्र सरकार की जिद जिम्मेदार है। हम संसदीय प्रक्रिया से कानूनों की वापसी की प्रतीक्षा करेंगे। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि सरकार की मंशा हमेशा किसानों के हित में काम करने की है। किसान ही हमारी प्राथमिकता पहले थे और आज भी है। नेक नीयत से कानून लेकर आए थे और आज भी हमारी मंशा नेक है।

कानून मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि पूरी भाजपा उनके सुख-दुख में साथ है। कृषि कानूनों में कोई कमी नहीं है। विपक्ष ने चुनाव के चलते बरगलाया है। किसान समझेंगे और खेती-किसानी में लगेंगे। अपने परिवार के बीच रहेंगे। किसान नेता सरदार वीएम सिंह ने कहा कि किसान को MSP गारंटी बिल चाहिए। हमें एक-एक किसान का फायदा देखना है, न कि किसान नेताओं का। अगर MSP पर गारंटी मिल जाती तो ये तीनों बिल होल्ड पर हैं, होल्ड पर रहने और वापस लेने में फर्क नहीं हैं।

मथुरा में भाकियू अम्बवाबता गुट के जिलाध्यक्ष राजकुमार तोमर ने कहा कि जब तक संसद में कानून वापस नहीं होगा, तब तक इसे नहीं मानेंगे। आगे का निर्णय क्या होता है यह एक घंटे में साफ होगा। जय किसान आंदोलन से जुड़े किसान नेता अविक साहा ने कहा कि राइट स्टेप लिया गया है, लेकिन अभी किसानों की डिमांड बाकी है। अभी एक कदम आगे बढ़ पाएं हैं, लेकिन पूरी सड़क नापना बाकी है।

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