वैश्विक चिंताओं के कारण बाजार में उथल-पुथल जारी रहने की संभावना

वैश्विक चिंताओं के कारण बाजार में उथल-पुथल जारी रहने की संभावना

जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर का कहना है कि निवेशक चौथी तिमाही की कमाई और भू-राजनीतिक घटनाओं पर करीब से नजर बनाए हुए हैं, जो बाजार की दिशा तय करेगा।

उन्होंने कहा कि आपूर्ति संबंधी चिंताओं के साथ-साथ मध्य पूर्व में बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव से कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई हैं, जिससे बाजार के सेंटीमेंट्स कमजोर हुए हैं।

जून में दर में कटौती की निवेशकों की उम्मीद अमेरिका में अपेक्षा से अधिक मुद्रास्फीति, सकारात्मक अमेरिकी रोजगार और विनिर्माण डेटा के कारण धराशायी हो गई।

नायर ने कहा कि घरेलू मोर्चे पर देखें तो निवेशकों को लगता है कि चौथी तिमाही की कॉर्पोरेट आय कमजोर होगी, साथ ही मिड-कैप और स्मॉल-कैप शेयरों के वैल्यूएशन काफी ज्यादा हैं। इसको देखते हुए एफआईआई सावधानी बरत रहे हैं।

आईटी क्षेत्र के भीतर, खर्च में मंदी और अमेरिकी नीति दरों के आसपास अनिश्चितताओं के बीच चौथी तिमाही की कमजोर आय के कारण बाजार में निवेशक सतर्क हैं। उन्होंने कहा, बैंकिंग शेयरों में मुनाफावसूली है, खासकर पीएसयू बैंकों में। बैंकों का क्रेडिट ग्रोथ धीमा है और वैल्यूएशन ज्यादा है।

इसके विपरीत, मजबूत आय गति की उम्मीदों के कारण ऑटो और रियल्टी क्षेत्र मजबूत दिख रहा

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