चेन्नई: तमिलनाडु सरकार ने मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) के. चंद्रू की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की है। यह समिति ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के विज्ञापनों का जनता पर क्या प्रभाव पड़ता है, इस पर स्टडी करेगी।
इसके साथ ही समिति ऑनलाइन गेमिंग के कारण पैसे गंवाने और खुदकुशी के मामलों पर भी गौर करेगी।
राज्य सरकार के मुताबिक, कमेटी दो हफ्ते में अपनी रिपोर्ट देगी।
समिति के सदस्यों में आईआईटी प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ शंकरमन, स्नेहा के संस्थापक और मनोवैज्ञानिक लक्ष्मी विजयकुमार और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विनीत देव वानखेड़े शामिल हैं।
राज्य सरकार ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग से आकर्षित होकर कई लोगों ने अपना पैसा गंवाया है और भारी कर्ज के कारण आत्महत्या कर ली है।
अन्नाद्रमुक और पीएमके जैसे प्रमुख राजनीतिक दलों ने डीएमके सरकार से ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने वाले कानून की मांग की है और इसे ऑनलाइन जुआ करार दिया है।
पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार ऑनलाइन गेमिंग पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक कानून लेकर आई थी, लेकिन मद्रास हाईकोर्ट ने उसे रद्द कर दिया था।