रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट फीस के नाम पर रेलवे टिकट महंगा करना गैर-वाजिब : नीरज डांगी

रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट फीस के नाम पर रेलवे टिकट महंगा करना गैर-वाजिब : नीरज डांगी

नई दिल्ली : राजस्थान से सांसद नीरज डांगी ने शुक्रवार को राज्य सभा के शून्यकाल में रेलवे द्वारा स्टेशनों पर स्टेशन डेवलपमेंट फीस (एसडीएफ) के नाम पर अतिरिक्त पैसा वसूल कर रेलवे टिकट महंगे करने का मुद्दा उठाया। डांगी ने सदन में चर्चा करते हुए उल्लेख किया कि भारत में पहली बार 1998-99 में मोटर उपयोगकर्ता द्वारा अपने वाहन के लिए ईधन खरीदते समय एक रुपये प्रतिलिटर के हिसाब से सड़क उपकर का भुगतान करना अनिवार्य किया गया था। इस उपकर के माध्यम से एकत्रित धन का उपयोग सरकार द्वारा पूरे देश में सड़क परियोजनाओं को शुरू करने के लिए किया गया था। इस कोष का उद्देश्य राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास एवं रखरखाव और रेलवे क्रॉसिंग पर सुरक्षा हेतु सुधार के लिए धन एकत्रित करना था।

इसके बाद सीआरएफ अधिनियम, 2000 के तहत इसे कानुनी जामा पहना कर एक कानून के रूप में अपनाया गया था। सीआरएफए मेन धन राशि पेट्रोलियम उत्पादों डीजल और पेट्रोल पर लगाए गए उपकर से ही प्राप्त थी इसे और व्यापक बनाते हुए एक अतिरिक्त सीमा शुल्क और अतिरिक्त उत्पाद शुल्क (उत्पादन पर कर) भी लगाया गया था।

उन्होंने कहा कि वित्त अधिनियम 2018 के माध्यम से इस सड़क उपकर (रोड़ सैस) का नाम बदलकर सेन्ट्रल रोड एण्ड इन्फ्रास्ट्रक्च र सैस कर दिया गया एवं इसका उपयोग राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य और ग्रामीण सड़को एवं अन्य बुनियादी ढांचे को सुरक्षा में सुधार के साथ-साथ रेलवे परियोजनाओं का विकास और रखरखाव को शामिल किया गया।

सांसद डांगी ने सदन में कहा कि रेल मंत्रालय के आदेश गत 31 दिसम्बर 2021 द्वारा नए सिरे से विकसित किए गए रेलवे स्टेशनों पर स्टेशन डेवलपमेंट फीस (एस.डी.एफ) वसूलने का फैसला किया है। इसके तहत जिन रेलवे स्टेशनों का री-डेवलपमेंट हो चुका है उनके लिए यात्रियों से 10 रुपए से 50 रुपए तक का चार्ज वसूला जाएगा, जिससे टिकट महंगे होंगे।

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