मोदी के आह्वान पर लुलु समूह ने यूएई में 400 टन कश्मीरी सेब आयात किया

मोदी के आह्वान पर लुलु समूह ने यूएई में 400 टन कश्मीरी सेब आयात किया

चेन्नई, | केरल के अरबपति व्यवसायी एम. यूसुफ अली के स्वामित्व वाले लुलु समूह ने कश्मीरी सेब का उत्पादन करने वाले किसानों को समर्थन देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर मध्य पूर्व में लगभग त करते हुए कहा, “मैंने हमेशा माना है कि सरकार की नीतियों को स्वीकार करना और कार्य करना सभी भारतीयों की प्रमुख जिम्मेदारी है। स्वाभाविक रूप से जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएई यात्रा के दौरान 2019 में कश्मीर राज्य के निवेश और समर्थन का विचार रखा था, मैं इस दिशा में अपनी प्रतिबद्धता दिखाने वाला पहला व्यक्ति हूं और हमने पिछले वर्ष के दौरान 400 टन से अधिक कश्मीरी सेब का आयात किया है और यह जारी है, लेकिन यह कोविड संबंधित मुद्दों के कारण लक्ष्य से थोड़ा कम रहा है।”

व्यवसायी का समूह 30,000 से अधिक लोगों को रोजगार देता है और इनमें से अधिकांश भारतीय हैं। इन भारतीयों में से साठ प्रतिशत से अधिक केरल राज्य से हैं। केरल में भी उनके गृह जिले त्रिशूर से बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ है।

यूसुफ अली 1973 में मध्य पूर्व पहुंचे थे और तब से उन्होंने शीर्ष पर पहुंचने के लिए संघर्ष भी किया है। अब लुलु समूह के खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी), मिस्र, भारत और अन्य जगहों पर विभिन्न आकारों वाले 198 से अधिक स्टोर हैं और यह प्रतिदिन 16 लाख से अधिक ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करता है।

यूसुफ अली ने कहा, “मैंने इस प्रकार के विस्तार के बारे में कभी नहीं सोचा था। अब हमारा जीसीसी, भारत, अफ्रीका और सुदूर पूर्व में खुदरा परिचालन है और दुनियाभर के सभी प्रमुख शहरों में हमारे सोर्सिग कार्यालय हैं।”

लुलु समूह और यूसुफ अली हमेशा ऐसे लोगों का समर्थन करने के लिए चर्चा में रहे हैं जो अदालती मामलों में फंस जाते हैं या संयुक्त अरब अमीरात में बेरोजगार हो जाते हैं और अक्सर उन्हें अनौपचारिक भारतीय दूत के रूप में संबोधित किया जाता है।

इस बारे में पूछे जाने पर यूसुफ अली ने कहा, “परोपकार का मेरी फिलॉस्पी पैगंबर मोहम्मद के शिक्षण पर आधारित है, जिसका कहना है कि यदि आपका पड़ोसी भूखा रहता है, तो आपको जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। मैं अपनी कमाई का बहुत बड़ा हिस्सा धर्मार्थ गतिविधियों के लिए रखता हूं और यह केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनियाभर के लिए है। फोकस एरिया हेल्थ केयर, सार्वजनिक कल्याण, आपदा से निपटना और शिक्षा हैं।”

कोविड संकट के दौरान कंपनी का एक और सकारात्मक पहलू सामने आया है। संकट की घड़ी में भी कंपनी ने किसी भी कर्मचारी को काम से नहीं निकाला और न ही महामारी के कारण किसी कर्मचारी के वेतन में कटौती की गई।

समूह अब लगभग 2000 करोड़ रुपये के निवेश के साथ 1,999,934 वर्ग फुट के निर्मित क्षेत्र के साथ केरल की राजधानी तिरुवंतपुरम में दक्षिण भारत के सबसे बड़े शॉपिंग मॉल में से एक खोलने की प्रक्रिया में है।

समूह अपने व्यवसाय को विस्तारित करने में जुटा हुआ है। यह मध्य पूर्व में मनी एक्सचेंज, आतिथ्य और एक हॉस्पिटल चेन के साथ अपने कारोबार को बढ़ा रहा है।

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