भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि दिसंबर 2023 के अंत के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि वाणिज्यिक बैंकों की पूंजी और परिसंपत्ति की गुणवत्ता के प्रमुख संकेतकों के साथ गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के वित्तीय संकेतक भी मजबूत बने हुए हैं।
दास ने बताया, “मैं यहां इस बात पर जोर देना चाहता हूं कि बैंकों, एनबीएफसी और अन्य वित्तीय संस्थाओं को शासन की गुणवत्ता और नियामक दिशा-निर्देशों के पालन को सर्वोच्च प्राथमिकता देना जारी रखना चाहिए। वित्तीय क्षेत्र की इकाइयों का काम बड़े पैमाने पर सार्वजनिक धन से जुड़ा है – चाहे वह बैंकों तथा चुनिंदा एनबीएफसी में जमाकर्ताओं का पैसा हो या बॉन्ड तथा अन्य वित्तीय उपकरणों में निवेशकों का। उन्हें इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक इस संबंध में वित्तीय संस्थाओं के साथ रचनात्मक रूप से जुड़ना जारी रखेगा और यह मानने की जरूरत है कि वित्तीय स्थिरता सभी हितधारकों की संयुक्त जिम्मेदारी है।
दास ने कहा कि आरबीआई अपने नियमों को सरल बनाने और अनुपालन बोझ को कम करने के लिए विनियमित संस्थाओं और विभिन्न हितधारकों के साथ भी जुड़ रहा है।