नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को निर्देश दिया कि वह चीनी स्मार्टफोन निर्माता वीवो के फ्रोजेन बैंक खातों को संचालित करने की अनुमति मांगने वाले अभ्यावेदन पर फैसला करे। न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा की पीठ ने ईडी के वकील से वीवो की उस याचिका पर निर्णय लेने को कहा, जिसमें उसके बैंक खातों को फ्रीज करने को चुनौती दी गई थी।
सुनवाई के दौरान वीवो के वकील सिद्धार्थ लूथरा और सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि नौ बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए हैं जिनमें करीब 250 करोड़ रुपये हैं।
याचिकाकर्ताओं ने कहा, आज बिजनेस मॉडल, स्रोत, पैसा कहां से आया है, कहां जा रहा है, इसकी चिंता किए बिना एक ‘कार्टे ब्लैंच’ ऑर्डर दिया जाता है, जो मेरी अचानक मौत होगी।
दूसरी ओर, जांच एजेंसी ने तर्क दिया कि वीवो ने अपनी कुल बिक्री का 50 प्रतिशत यानी 62,476 करोड़ रुपये चीन को भेजे।
ईडी ने आरोप लगाया कि उसने पिछले दो वर्षों में लगभग 1.20 लाख करोड़ रुपये कमाए, लेकिन करों का भुगतान करने से बचने के लिए इसमें से लगभग आधे का भुगतान किया। ईडी ने कहा कि इससे भारतीय निगमित कंपनियों को भारी नुकसान हुआ है।
ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने आगे कहा कि जांच एजेंसी देश भर में तलाशी अभियान में शामिल है।