लखनऊ: गौतम बुद्धनगर के जेवर स्थित नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा राज्य की अर्थव्यवस्था को विकास के संदर्भ में बदलने के लिए तैयार है। अब इसे ‘यूपी के ताज में नगीना’ के रूप में जाना जाता है। यह भविष्य में प्रतिवर्ष 6 करोड़ यात्रियों को संभालने के लिए चार चरण के मास्टर प्लान के साथ ग्रेटर नोएडा के दक्षिण में फ्लुघफेन ज्यूरिख एजी (ज्यूरिख एयरपोर्ट) द्वारा विकसित किया जा रहा है।
परियोजना के अंतिम चरण में 2 रनवे की कल्पना की गई है, जिसे बाद में छह रनवे और 4 टर्मिनल तक विस्तारित किया जाएगा, जिससे यह भारत का सबसे बड़ा हवाईअड्डा बन जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 नवंबर, 2021 को इस हवाईअड्डे की नींव रखी थी और कहा जाता है कि यह परियोजना 2024 तक पूरी हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार और जर्मनी के ज्यूरिख हवाईअड्डे ने 7 अक्टूबर, 2020 को 40 साल के रियायत समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके बाद नवंबर 2019 में वित्तीय बोलियों को खोले जाने पर अदाणी एंटरप्राइजेज, डायल और एंकोरेज इंफ्रा (फेयरफैक्स) को हराकर प्रति यात्री 400.97 रुपये की उच्चतम बोली लगाई गई।