जीएसटी के पांच साल पूरे, एक लाख करोड़ के पार पहुंचा संग्रह

जीएसटी के पांच साल पूरे, एक लाख करोड़ के पार पहुंचा संग्रह

देश के सबसे बड़े कर सुधार जीएसटी का पांच साल का सफर 30 जून, 2022 को पूरा हो गया। एक जुलाई, 2017 से लागू होने के बाद जीएसटी व्यवस्था के कई फायदे नजर आए। कुछ नुकसान भी देखने को मिला। सबसे बड़ी बात है कि इस व्यवस्था ने कर अनुपालन में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल को बढ़ावा दिया। इससे हर महीने एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का संग्रह अब सामान्य बात हो गई है। 

जीएसटी व्यवस्था लागू होने से पहले एक उपभोक्ता को वैट, उत्पाद शुल्क, सीएसटी आदि को मिलाकर औसतन 31 फीसदी टैक्स देना होता था। कराधान व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए उत्पाद शुल्क, सर्विस टैक्स एवं वैट जैसे 17 स्थानीय कर और 13 उपकर को जीएसटी में समाहित कर दिया गया। जीएसटी में चार स्लैब हैं। इसमें जरूरी वस्तुओं पर कर की सबसे कम दर 5 फीसदी और विलासिता की वस्तुओं पर सबसे अधिक 28 फीसदी है।

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