अर्थव्यवस्था: क्रिसिल ने लगाया देश की आर्थिक तरक्की का अनुमान

अर्थव्यवस्था: क्रिसिल ने लगाया देश की आर्थिक तरक्की का अनुमान

नई दिल्ली। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने चालू वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर के पूर्वानुमान को घटाकर 8.2 फीसदी कर दिया, जबकि पहले उसने 11 फीसदी वृद्धि का अनुमान रखा था। एजेंसी ने कहा है कि यदि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जून अंत तक कम हो जाए तो वर्ष 2021-22 में भारत की आर्थिक वृद्धि 8.2 फीसदी रह सकती है।

उसने स्पष्ट किया कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए भारत की अनुमानित 11 फीसदी आर्थिक वृद्धि दर के घटने का जोखिम हो सकता है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर यदि मई अंत तक रहती है तो आर्थिक वृद्धि 9.8 फीसदी रह सकती है। अगर लहर जुलाई तक रही तो वृद्धि दर के 8.2 फीसदी रहने का अनुमान है।

2020-21 में 7.6 फीसदी संकुचित हुई थी अर्थव्यवस्था 
आधिकारिक अनुमान के अनुसार वित्त वर्ष 2020-21 में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था 7.6 फीसदी संकुचित हुई थी। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप के बाद वृद्धि दर के घटने का जोखिम बन गया है।

संक्रमण का प्रसार और टीकाकरण है सबसे बड़ी चुनौती
एजेंसी ने कहा कि देश के सामने सबसे बड़ी चुनौती कोरोना संक्रमण का प्रसार और टीकाकरण है। महामारी की दूसरी लहर वैश्विक स्तर पर बहुत बड़े पर फैली लेकिन भारत में संक्रमण दर के बढ़ने के साथ मृत्यु दर में कमी दर्ज की गई है। उसने कहा कि भारत पूरी तरह से टीकाकरण करने वाली आबादी के मामले में काफी नीचे है। यदि अक्तूबर तक देश की आधी आबादी को कोरोना का टीका लग जाता है तो यह अच्छा होगा। रेटिंग एजेंसी ने हालांकि 15 फीसदी राजस्व वृद्धि का अनुमान बनाए रखा है।

मालूम हो कि देश कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर जारी है। देश में बीते 24 घंटे में 3.29 लाख से अधिक नए कोरोना मरीज मिले हैं और 3,876 लोगों की जान चली गई है। राहत की बात ये है कि लगातार दूसरे दिन नए मरीजों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। वहीं 62 दिन बाद पहले बार नए मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

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