व्यापार और विकास पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (अंकटाड) की मंगलवार को जारी नवीनतम रिपोर्ट में 2024 में वैश्विक आर्थिक वृद्धिदर 2.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है, जो आमतौर पर मंदी के दौर से जुड़ी 2.5 फीसदी की सीमा से थोड़ा ऊपर है।
निराशाजनक वैश्विक परिदृश्य के बीच हालांकि कहा गया है कि भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत सार्वजनिक निवेश और सेवा क्षेत्र की वृद्धि से उत्साहित है, जिसमें 2024 में 6.5 फीसदी का विस्तार होने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि यूरोप में जर्मनी और इटली जैसे देश कमजोर आर्थिक गतिविधियों से जूझ रहे हैं और औद्योगिक मंदी और राजकोषीय बाधाओं का सामना कर रहे हैं, जिससे उनके विकास अनुमान प्रभावित हो रहे हैं।
जहां तक अमेरिका का सवाल है, विकास धीमा होने की उम्मीद है, अर्जेंटीना को गंभीर मुद्रास्फीति का सामना करना पड़ रहा है और ब्राजील की आर्थिक गति बाहरी दबाव और वस्तुओं पर निर्भरता से कम हो गई है। उत्तरी अमेरिका अपेक्षाकृत लचीला बना हुआ है, हालांकि चुनौतियां जारी हैं।
अफ़्रीका के 2024 में 3.0 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है, जो 2023 के 2.9 फीसदी से थोड़ा अधिक है। सशस्त्र संघर्ष और जलवायु प्रभाव कई देशों में महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा करते हैं।