इस्लामाबाद, | पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा है कि दोनों देशों के बीच मौजूदा कड़वाहट के हालात में भारत के साथ कोई बातचीत नहीं हो सकती।
कुरैशी ने यह भी कहा कि भारत के साथ अभी पर्दे के पीछे से बातचीत या किसी भी प्रकार की कूटनीतिक बातचीत नहीं चल रही है।
उन्होंने कहा, “मौजूदा स्थिति में भारत के साथ पर्दे के पीछे या कूटनीतिक बातचीत की कोई संभावना नहीं है।”
कुरैशी ने कहा, “यह तब तक संभव नहीं है, जब तक कि कश्मीर में भारतीय अत्याचारों को रोका नहीं जाता है। फिलहाल हालात किसी भी बातचीत के लिए उपयुक्त नहीं हैं।”
कुरैशी का बयान ऐसे समय में आया है, जब भारतीय और पाकिस्तान सीमा सुरक्षा बलों के बीच सीमा पार होने वाली गोलीबारी भी तेज हो गई है, जिससे दोनों पक्षों के दर्जनों हताहत हुए हैं।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारत की ओर से कथित संघर्ष विराम उल्लंघन के लिए भारतीय राजदूत को तलब किया है।
पाकिस्तान का कहना है कि भारतीय सुरक्षाबलों ने हाल ही में एक यूएन व्हीकल को निशाना बनाया है। इसके साथ ही पाकिस्तान का आरोप है कि भारत ने विभिन्न उल्लंघनों से सीमा से सटकर रहने वाले नागरिकों की जान को नुकसान पहुंचाया है।
इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान में कहा, “भारतीय सैनिकों ने नियंत्रण रेखा के साथ ताता पानी और जंद्रोत सेक्टरों में अकारण संघर्ष विराम उल्लंघन किया है और वह जानबूझकर मोर्टार और भारी हथियारों के साथ नागरिक आबादी को टारगेट कर रहा है।”
बयान में कहा गया है, “एक 50 वर्षीय महिला की मौत हो गई और चार वर्षीय बच्चे सहित अन्य नागरिक ताता पानी और जंद्रोत क्षेत्रों में हुई घटनाओं में घायल हो गए हैं।”
पाकिस्तान ने कहा है कि भारतीय सेना की तरफ से की गई गोलाबारी पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा की एलओसी पर अग्रिम पंक्ति के सैनिकों से मिलने आने से पहले की गई।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा गया है, “अंतर्राष्ट्रीय कानून के ये उल्लंघन नियंत्रण रेखा के साथ स्थिति को बढ़ाने के लिए लगातार भारतीय प्रयासों को दर्शाते हैं और क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा हैं।”
पाकिस्तान ने दावा किया है कि भारत ने वर्ष 2020 में कम से कम 3,000 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है, जिसमें कम से कम 28 नागरिकों की मौत हो गई और करीब 250 अन्य घायल हो गए।
पाकिस्तान ने भारत पर इन उल्लंघनों का आरोप लगाया है, वहीं नई दिल्ली ने इस्लामाबाद के दावों का खंडन किया है।