काबुल, | नाटो के महासचिव जेन स्टोलटेनबर्ग और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने फोन पर युद्धग्रस्त देश में सैनिकों के स्तर के समायोजन को लेकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने उस शांति प्रक्रिया पर भी चर्चा की, जिसमें अभी गतिरोध चल रहा है। बुधवार को फोन पर हुई बातचीत की पुष्टि करते हुए अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के प्रवक्ता सादिक सिद्दीकी ने कहा, “दोनों पक्षों ने अफगान शांति प्रक्रिया और नाटो के आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अफगान बलों को प्रशिक्षित करने, सलाह देने और उनकी सहायता के लिए लगातार मदद देने के बारे में बात की।”
नाटो प्रमुख ने ट्विटर कर कहा, “अफगानिस्तान की स्थिति पर अशरफ गनी के साथ बात की। यह शांति वार्ता की दिशा में एक लंबा और कठिन मार्ग रहा है। नाटो अफगानिस्तान की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। हम अफगानिस्तान की शांति प्रक्रिया का समर्थन करते हैं और इसके हिस्से के रूप में हम अपनी उपस्थिति बनाए रखेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “यहां तक कि अमेरिकी बलों में कटौती के साथ, नाटो अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अफगान बलों को प्रशिक्षित करना, सलाह देना और सहायता करना जारी रखेगा।”
बता दें कि अमेरिका की जनवरी के मध्य में अफगानिस्तान से 2,000 सैनिकों को निकालने की योजना है। पाकिस्तान, ईरान और रूस आदि देशों ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की एक जिम्मेदार वापसी के लिए भी कहा है।