इस्लामाबाद, | पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी बुधवार को नाइजर के लिए रवाना होंगे, जहां वह 27-28 नवंबर को राजधानी नियामी में होने वाले इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के विदेश मंत्रियों के संगठन विदेश कार्यालय (एफओ) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, विदेश मंत्री कुरैशी पांच अगस्त, 2019 की भारत की कथित अवैध और एकतरफा कार्रवाई के मद्देनजर अधिकृत कश्मीर (पाकिस्तान जम्मू एवं कश्मीर को भारत अधिकृत कश्मीर मानता है) में मानवाधिकारों और मानवीय स्थिति को उजागर करेंगे।
बयान में कहा गया है, “कुरैशी इस्लामोफोबिया की बढ़ती घटनाओं और मुसलमानों के खिलाफ हेट स्पीच को उजागर करेंगे और इस्लामोफोबिया के संकट का मुकाबला करने और अंतर-विश्वास सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए इस्लामी दुनिया की एकता की आवश्यकता पर जोर देंगे।”
एफओ ने कहा कि मंत्री अपने समकक्षों/सदस्य देशों के प्रतिनिधिमंडलों के प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।
57 ओआईसी सदस्य देश और पांच पर्यवेक्षक देशों के प्रतिनिधियों की बैठक में भाग लेने की उम्मीद है।
एफओ ने अपने बयान में कहा, “दो दिवसीय सत्र के दौरान, परिषद इस्लामोफोबिया और धर्मों की अवहेलना, फिलिस्तीन, जम्मू एवं कश्मीर विवाद और गैर-ओआईसी में मुस्लिम समुदायों और अल्पसंख्यकों की स्थिति पर विशेष ध्यान देने के साथ अन्य कई मुद्दों पर चर्चा करेगी।”
इसका अलावा बैठक में ओआईसी 2025 कार्यक्रम को लेकर किए जाने वाले कार्य और सभ्यता, सांस्कृतिक एवं धार्मिक संवाद को बढ़ावा देने से संबंधित विभिन्न मामलों पर भी चर्चा होगी।
बयान में कहा गया है, “परिषद सुरक्षा और मानवतावादी चुनौतियों का सामना करने वाले अफ्रीकी साहेल राष्ट्र के सदस्यों का ओआईसी के साथ विचार-विमर्श सत्र भी आयोजित करेगी।”
ओआईसी दुनिया भर के मुस्लिम बहुल देशों की एक सामूहिक आवाज है। यह संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के बाद दूसरा सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। 57 सदस्यों और पांच पर्यवेक्षकों के साथ, ओआईसी सदस्यता चार महाद्वीपों में फैली हुई है।
संगठन ने अपने 50 साल पूरे कर लिए हैं। पाकिस्तान ओआईसी के संस्थापक सदस्यों में से एक है और उसने ओआईसी के उद्देश्यों और लक्ष्यों के लिए सक्रिय रूप से योगदान दिया है।