ओपियोड संकट को बढ़ावा देने को लेकर अमेरिका ने वॉलमार्ट पर किया मुकदमा

ओपियोड संकट को बढ़ावा देने को लेकर अमेरिका ने वॉलमार्ट पर किया मुकदमा

वाशिंगटन: अमेरिकी न्याय विभाग ने देश में ओपियोड संकट के कथित रूप से खुदरा बिक्री को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए वॉलमार्ट पर मुकदमा दायर किया है। न्याय विभाग के अभियोजकों ने मंगलवार को दायर मुकदमे में कहा कि “वॉलमार्ट के फार्मेसियों ने नियंत्रित पदार्थों के हजारों प्रेसक्रिप्शन भरकर कानून का उल्लंघन किया है, वॉलमार्ट के फार्मासिस्टों को पता था कि यह अवैध है।”

न्याय विभाग सिविल पेनाल्टी की मांग कर रहा है, जो अरबों डॉलर में चल सकता है। रिपोर्ट के अनुसार, मुकदमे में आरोप लगाया गया है कि वॉलमार्ट ने जानबूझकर अच्छी तरह से स्थापित नियमों का उल्लंघन किया, ताकि वह सुनिश्चित कर सके कि नियंत्रित-पदार्थों के प्रेसक्रिस्पशन वैध माने जाए और आवश्यक ‘फार्मासिस्ट जितनी जल्द हो सके प्रेसक्रिप्शन की अधिक मात्रा को लेकर प्रक्रिया शुरू करें।’

वहीं वॉलमार्ट ने अपने बयान में कहा कि कंपनी ने हमेशा हमारे फार्मासिस्टोंको समस्याग्रस्त ओपियोड प्रेसक्रिप्शन भरने से मना करने के लिए सशक्त बनाया है और संदिग्ध ‘सैकड़ों हजारों’ प्रेसक्रिप्शन भरने से इनकार किया है। वॉलमार्ट ने कहा कि उसने ड्रग इन्फॉर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन को संदिग्ध डॉक्टरों के बारे में हजारों खोजी सुराग भेजे हैं।

कंपनी ने कहा कि उसने वॉलमार्ट फार्मेसियों के माध्यम से अपने प्रेसक्रिप्शन भरने से ‘हजारों संदिग्ध डॉक्टरों को प्रतिबंधित’ किया है। हालांकि संघीय शिकायत में कहा गया है कि “वॉलमार्ट ने अपने फार्मेसियों को असामान्य रूप से बड़ी मात्रा में नियंत्रित पदार्थों को बेचने के लिए उपलब्ध कराया है और ग्राहकों तक पहुंच बनाई, क्योंकि वे सिर्फ वॉलमार्ट स्टोरों में ही उपलब्ध थे।” वॉलमार्ट अमेरिका में अपने स्टोर में 5,000 से अधिक फार्मेसियों का संचालन करता है।

सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशंस नेशनल सेंटर फॉर हेल्थ स्टेटिस्टिक्स के अनुसार, अमेरिका में मई 2019 से इस साल मई तक सिंथेटिक ऑपियोइड की अधिक मात्रा के कारण होने वाले मौतें 81,000 से अधिक दर्ज की गई।

वॉलमार्ट ने अक्टूबर में कहा था कि उसे इस तरह के मुकदमे की धमकी दी गई थी। उस समय वॉलमार्ट ने कहा था कि अमेरिका ‘अयोग्य आवश्यकताओं को लागू कर रहा है, जो किसी भी कानून में नहीं पाए जाते हैं।’ बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1999 के बाद से करीब 450,000 लोग पर्चे में लिखे गए दर्द निवारक और अवैध दवाओं से संबंधित ओवरडोज के कारण मर चुके हैं।

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