अमेरिका चुनाव: ट्रंप से आगे चल रहे जो बाइडेन

अमेरिका चुनाव: ट्रंप से आगे चल रहे जो बाइडेन

वॉशिंगटन। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव की मतगणना लगभग आधी पूरी हो चुकी है और पूर्व उप राष्ट्रपति तथा डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन अब भी आगे चल रहे हैं। हालांकि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप भी ज्यादा पीछे नहीं है। जानकारी के अनुसार 538 ‘इलेक्टोरल कॉलेज सीट’ में से बाइडेन 238 और ट्रंप 213 पर जीत दर्ज कर चुके हैं। वहीं ‘सीएनएन’ के अनुसार बाइडेन को 192 और ट्रंप को 108 ‘इलेक्टोरल कॉलेज सीट’ पर जीत मिली है। खबर के अनुसार बाइडेन को 133 और ट्रंप को 115 पर जीत हासिल हुई है। व्हाइट हाउस पहुंचने के लिए किसी को भी कम से कम 270 ‘इलेक्टोरल कॉलेज सीट’ पर जीत दर्ज करनी होगी।

वहीं अमेरिका के पूर्व उप राष्ट्रपति एवं डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन ने न्यू जर्सी और न्यूयॉर्क में जीत दर्ज कर ली है। वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कई महत्वपूर्ण राज्यों में आगे चल रहे हैं। न्यूयॉर्क में बाइडेन को 22 लाख और ट्रंप को 12 लाख मत मिले। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की खबर के अनुसार पूर्व उप राष्ट्रपति ने कोलोराडो, कनेक्टिकट, डेलावेयर, इलिनोइस, मैसाचुसेट्स, न्यू मैक्सिको, वरमोंट और वर्जीनिया में जीत दर्ज कर ली है। जबकि राष्ट्रपति ट्रंप अलबामा, अर्कांसस, केंटकी, लुइसियाना, मिसिसिपी, नेब्रास्का, नॉर्थ डकोटा, ओक्लाहोमा, साउथ डकोटा, टेनेसी, वेस्ट वर्जीनिया, व्योमिंग, इंडियाना और साउथ कैरोलाइना में आगे चल रहे हैं। अमेरिका में सभी की नजरें राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों पर टिकी हैं, कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बीच सर्वाधिक 10 करोड़ से अधिक अमेरिकी पूर्व-मतदान में अपना वोट डाल चुके हैं । कोरोना वायरस के कारएा चुनाव की रात लोगों की भीड़ से खचाखच भरे रहने वाले ‘टाइम्स स्क्वायर’ पर सन्नाटा पसरा दिखा। राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतगणना मंगलवार रात को शुरू हो गई थी। मतगणना लगभग आधी पूरी हो चुकी है और पूर्व उप राष्ट्रपति तथा डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडेन अब भी आगे चल रहे हैं। हालांकि रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप भी ज्यादा पीछे नहीं है।

दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने के लिए मशक्कत कर रहे ट्रंप ने एक ट्वीट में परिणाम को लेकर विश्वास जताते हुए लिखा, ‘‘हम पूरे देश में वास्तव में कुछ अच्छा देख रहे हैं। शुक्रिया।” वह व्हाइट हाउस से परिणामों पर नजर रख रहे हैं। इसके लिए व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने करीब 250 चुनिंदा मेहमानों को आमंत्रित किया है। विशेषज्ञों के अनुसार नॉर्थ कैरोलाइना, ओहायो और पेनसिल्वेनिया की भूमिका नतीजों में अहम हो सकती है। ट्रंप को इन तीनों राज्यों में जीत दर्ज करनी होगी, वहीं बाइडेन इनमें से किसी भी एक राज्य में जीत दर्ज कर राष्ट्रपति पद पर पहुंच सकते हैं।

इस बार चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक
मतदान की समय सीमा खत्म होते ही मतगणना शुरू हो जाएगी और संभावना है कि 4 नवंबर शाम को ही पता चल जाएगा कि डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति बने रहेंगे या उनकी जगह डेमोक्रेट पार्टी के जो बाइडेन सत्ता संभालेंगे। लेकिन पुख्ता तौर पर यह नहीं कहा जा सकता है कि इस बार वोटिंग के दिन यानी 3 नवंबर के रात में ही चुनाव परिणामों की घोषणा हो जाएगी। क्योंकि पेन्सिलवेनिया, मिशिगन के अफसर कह चुके हैं कि काउंटिंग में उन्हें तीन दिन लग सकते हैं। वैसे भी इस बार अमेरिकी चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक है। खासकर कोरोना के दौर में चुनाव का होना।

डिक्सविले नॉच में पहली वोट डालने वाले लेस ओट्टेन ने कहा कि वो हमेशा से रिपब्लिकन पार्टी के समर्थक रहे हैं, लेकिन इस बार उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार जो बाइडेन के लिए वोट डाला है। ओट्टेन ने एक वीडियो मैसेज में बताया कि मैं डोनाल्ड ट्रंप से कई मुद्दों पर असहमत हूं इसीलिए मैंने अपना वोट उसे दिया है, जो पूरे देश को एक सूत्र में पिरो सकता है। डिक्सविले नॉच में चार अन्य मतदाताओं ने भी ट्रंप की जगह जो बाइडेन के समर्थन में मतदान किया। वहीं, मिल्सफील्ड में 16 मतदाताओं में से 5 ने ट्रंप के पक्ष में मतदान किया।

अमेरिका में 24 करोड़ मतदाता हैं।
जानकारों का कहना है कि पिछली बार की तरह इस बार भी साइलेंट वोटर ही किंगमेंटर होंगे।
अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए अभी तक सर्वाधिक करीब 10 करोड़ लोग मतदान कर चुके हैं
अन्य वोटर मंगलवार को चुनाव वाले दिन अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।
मतदान का स्तर 2016 से अधिक रहने की संभावना है।
हवाई, टेक्सास और मोंटाना जैसे राज्यों में पहले ही 2016 के मतदान से अधिक वोटिंग हो चुकी है।
नॉर्थ कैरोलाइना, जॉर्जिया, न्यू मेक्सिको, नेवाडा और टेनेसी में सर्वाधिक पूर्व-मतदान हुआ है, जो कि 2016 में हुए मतदान से करीब 90 प्रतिशत अधिक है।
इस बार मेल इन बैलेट और पोस्टल बैलेट का आंकड़ा बढ़ा है।

भारतीयों के लिए बन सकता है नया इतिहास
अमेरिकी चुनाव में पहली बार भारतीयों के लिए नया इतिहास बन सकता है। पहली बार अमेरिका में ऐसा होगा जो न सिर्फ ऐतिहासिक है बल्कि भारत के लिए भी गर्व की बात है। दरअसल अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की इस चुनाव में अहमियत बढ़ी है और पहली बार भारतवंशी वो भी महिला कमला हैरिस को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया गया है।

अमेरिकी चुनाव में छाए रहे ये 5 बड़े मुद्दे
यह अमेरिका चुनाव का बड़ा मुद्दा बन गया। अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। बाइडेन ट्रंप को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। यह आरोप लगा रहे हैं कि उनकी नीतियों से महामारी बढ़ी है।
चीन को लेकर दोनों उम्मीदवार ट्रंप और बाइडेन सख्त रवैया दिखा रहे हैं। ट्रंप कह रहे हैं कि कोरोना महामारी फैलाने के लिए बीजिंग जिम्मेदार है।
मई महीने में पुलिस के हाथों जॉर्ज फ्लॉयड की मौत हुई थी। अश्वेत आंदोलन की आग दहक उठी। दोनों नेताओं ने लोगों को भड़काने का आरोप लगाया।
वायु प्रदूषण को लेकर ट्रंप भारत को घेर चुके हैं। उन्होंने यहां तक कह दिया था कि भारत, चीन और रूस की हवा बेहद गंदी है।
ट्रंप ने अमेरिकी कामगारों के हितों की रक्षा का हवाला देकर वीजा नियमों को कड़ा कर दिया है। बाइडेन ने नियमों को आसान करने का वादा किया है।

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