दोहा/काबुल, | काबुल सरकार और तालिबान के प्रतिनिधियों के बीच दोनों पक्षों की औपचारिक बैठक पिछले 10 दिनों से स्थगित रहने के कारण दोहा में चल रहे अफगानिस्तान शांति वार्ता में कोई प्रगति नहीं हुई है। टोलो न्यूज की शनिवार की रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में कूटनीतिक प्रयासों के बावजूद दोनों पक्षों के अफगानिस्तान में दशकों से चल रहे युद्ध को समाप्त करने के उद्देश्य से प्रत्यक्ष शांति वार्ता शुरू करने के लिए प्रक्रियात्मक नियमों के बारे में एक निष्कर्ष पर पहुंचना बाकी है।
इंट्रा-अफगान वार्ता औपचारिक रूप से 12 सितंबर को शुरू हुई थी, दो पक्षों ने प्रक्रियात्मक नियमों के लिए 20 में से 18 आर्टिकल्स पर सहमति व्यक्त की है।
हालांकि दो आर्टिकल बच रहे हैं, जो धार्मिक आधार और अमेरिकी-तालिबान समझौते से जुड़े हैं, उन्हें लेकर ही बातचीत अटकी हुई है।
तालिबान ने वार्ता को फिर से शुरू करने को लेकर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन सरकारी टीम ने कहा है कि दोनों पक्षों के बीच समझौता होने तक वार्ता जारी रहेगी।
वहीं अमेरिका के विशेष दूत जल्मय खलीलजाद ने कहा कि वह अफगान शांति प्रक्रिया के सालों में नहीं, बल्कि महीनों में संपन्न होने की उम्मीद करते हैं।
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, हाई काउंसिल फॉर नेशनल रिकंसिलिएशन के प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने शनिवार को कहा कि अफगानिस्तान से अंतर्राष्ट्रीय सैनिकों की जल्द वापसी से चल रही शांति प्रक्रिया और देश की स्थिति पर कुछ प्रभाव पड़ेगा।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अफगानों को किसी भी प्रकार की परिस्थितियों के लिए तैयार रहना चाहिए और उन्हें अपने भविष्य के लिए मिलकर काम करना चाहिए।