बोरवेल में फंसी मासूम की जान: क्या जिंदगी से जंग जीत पाएगा प्रह्लाद?

बोरवेल में फंसी मासूम की जान: क्या जिंदगी से जंग जीत पाएगा प्रह्लाद?

निवाड़ी। मध्य प्रदेश के निवाड़ी में खेत में बोरवेल के लिए खोदे गड्ढे में 3 साल के मासूम को गिरे 51 घंटों से ज्यादा का समय हो गया है। जैसे जैसे समय बीतता जा रहा है उम्मीदें भी धुंधली होती जा रही है। लेकिन पिछले 2 दिन से रेस्क्यू में टीम लगातार मासूम को बचाने में जुटी है। घटनास्थल पर बच्चे को बोरवेल से निकालने के लिए सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, लोकल पुलिस और स्थानीय प्रशासन दिन रात एक किए हुए हैं। अब बच्चे को सकुशल निकालने के लिए बोरवेल में ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है। घटना स्थल पर 6 जेसीबी मशीनों से बोरवेल के आसपास खुदाई की जा रही है ताकि बच्चा ज्यादा गहराई में न गिर सके।

गुरुवार को घटनास्थल पर बच्चे के दादा ने बोरवेल में आवाज लगाई तो बच्चे के रोने की आवाज सुनाई दी थी। शाम होते होते बोरवेल में कैमरा पहुंचाया गया और बच्चे की पोजिशन देखी गई। नाईट विजन उपकरणों से बच्चे पर लगातार नजर रखी जा रही है।

हालांकि अब बच्चे में कोई हरकत दिखाई नहीं दे रही है। इस बात ने सभी को चिंता में डाल दिया है। गांव के लोग बच्चे की सलामती के लिए दुआ कर रहे हैं। हालात को देखते हुए सैतपुर में धारा 144 लगा दी गई है।

रात होने तक झांसी और टीकमगढ़ से एनडीआरएफ की एक टीम घटनास्थल पहुंची हुई है। बताया जा रहा है कि बोरवेल की गहराई 200 फीट है और बच्चा करीब 60 फीट की गहराई पर अटका हुआ है।

रेस्क्यू टीम की कोशिश है कि बच्चे को बोरवेल में और गहराई में जाने से रोका जाए। फिलहाल बोरवेल के समानांतर 60 फीट का गड्ढा खोद दिया गया है। अब बीना से हाई टेक मशीन बुलवाकर करीब 20 फीट चौड़ी सुरंग बनाई जा रही है। स्थानीय प्रशासन के सभी वरिष्ठ अफसर लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन पर नजरें बनाए हुए हैं।

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