रांची, | झारखंड सरकार पर विधायकों को आवास आवंटन के मामले में ‘भेदभाव’ करने का आरोप लगा है। इस मामले में झारखंड हाइकोर्ट ने प्रदेश सरकार को नोटिस जारी करते हुए सवाल किया है कि विभिन्न दलों के विधायकों को आवास आवंटित करते समय विसंगतियां क्यों हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक नवीन जायसवाल की याचिका पर राज्य सरकार से पूछा कि विभिन्न दलों के विधायकों को आवास आवंटन में आखिर ‘भेदभाव’ क्यों किया जा रहा है।
हाईकोर्ट की दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने सरकार से पूछा है कि कितने विधायकों को उच्च श्रेणी के ‘एफ’ टाइप आवास आवंटित हुए हैं और इस तरह के आवास के आवंटन के पीछे का आधार क्या है?
जायसवाल के वकील ने संवाददाताओं को बताया, ‘अदालत ने विभिन्न राजनीतिक दलों के विधायकों को मकान आवंटित करने के लिए बनाए गए नियमों के बारे में भी जानना चाहा। अदालत ने जानना चाहा कि कितने विधायकों को उच्च ग्रेड ‘एफ’ क्वार्टर आवंटित किए गए हैं।”
राज्य सरकार को 11 नवंबर तक अपना जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
वकील ने अदालत को बताया, “एकल पीठ के फैसले में कहा गया है कि राज्य सरकार ने मंत्रियों और विधायकों को आवास आवंटित करने के लिए कोई नियम नहीं बनाया है। नियमों के अभाव में समिति विधायकों को आवास आवंटित करने में विसंगतियां अपनाती है।”