किसान आंदोलन के पीछे विदेशी ताकतों का हाथः विजयवर्गीय

किसान आंदोलन के पीछे विदेशी ताकतों का हाथः विजयवर्गीय

इंदौर। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है। साथ ही विदेशों में किसान आंदोलन को मिल रहे समर्थन पर भी सवाल उठाए। विजयवर्गीय ने कहा कि ब्रिटेन में भारतीय दूतावास के सामने किसान आंदोलन का समर्थन किया ये कौन लोग इनकी तह में जाना चाहिए और समझना चाहिये कि किसानों के नाम पर राजनीति कौन कर रहा है। विजयवर्गीय ने किसान ने कहा कि इस आंदोलन से 90 प्रतिशत किसान दूर है और 10 प्रतिशत किसान आंदोलन में सम्मिलित है जबकि इसको सपोर्ट करने वाली ताकतें कोई और ही है।

कृषि कानूनों को लेकर विजयवर्गीय ने कहा इससे अच्छा बिल हो ही नहीं सकता है ये किसानों की समृद्धि का बिल है। उनकी आमदनी को दुगुना करने वाला बिल है। वही उन्होंने कांग्रेस को घेरते हुए कहा कि बिल के अंदर जो प्रावधान है उन्हें कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में शामिल किया था पर किसानों ने कांग्रेस पर विश्वास नहीं किया और पीएम मोदी ने उन सब प्रावधानों को लागू कर दिया तो कांग्रेस को लगता है कि उनके हाथ का हथियार भी छीन लिया है। उन्होंने कहा कि किसानों को बिल के बारे में सोचना चाहिए।

वही कोरोना वेक्सीन को लेकर दिग्विजयसिंह द्वारा दिए गए हालिया बयान जिसमें उन्होंने वेक्सीन को लेकर जनता को गिनीपिग नहीं बनाने की बात को पुरजोर तरीके से रखा था। इस मामले में विजयवर्गीय ने दिग्गी पर पलटवार कर कहा कि दिग्विजयसिंह डॉक्टर तो है नहीं और जहां ज्ञान नहीं उस बात पर टिप्पणी नहीं करनी चाहिए इसलिए मैं भी कोई टिप्पणी नहीं करता हूं। विजयवर्गीय ने कहा दिग्विजयसिंह एक सीनियर लीडर है और मैं उनको सलाह देता हूं कि आपको यदि इस बारे में अल्पज्ञान है तो टिप्पणी न करें।

वही पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी की घटना पर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि बंगाल में लॉ एंड ऑर्डर खत्म हो गया है। वहां पुलिस और गुंडो का नेक्सस है जो वहां पर काम कर रहा है इसलिये वहां अराजकता का वातावरण है। वहां सरकार को बने रहने का कोई अधिकार नहीं है और हमने राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है।

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