टीम एब्सल्यूट भोपाल उपचुनाव के लिए प्रत्याशियों की स्थितियां स्पष्ट होने के साथ ही अब विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जहां दोनों पार्टी के दिग्गजों ने चुनाव मैदान में मोर्चा संभाल लिया है, वहीं आरोप-प्रत्यारोप और तानेकशी का दौर भी तेज होता जा रहा है। इस बीच चुनाव जिताने की अपील करते नेता मतदाताओं को फिर लुभावने वायदों के मकड़जाल में कसने की कोशिशों में लग गए हैं।
भाजपा के राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया गुरुवार को प्रदेश के दौरे के लिए ग्वालियर पहुंचे। सिंधिया भाजपा की मंडल सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ पर हमला बोलते हुए कहा कि कमलनाथ ने प्रदेश के साथ गद्दारी की है, उन्हें केवल तिजोरी और कुर्सी की चिंता थी। उन्होंने ग्वालियर-चंबल के विकास के लिए उन्होंने एक कदम भी उठाया, इसे गद्दारी ही कहते हैं। वह जब देखो पैसे की कमी चिल्लाते रहे और शिवराज सरकार ने 5 महीने में खजाना खोल दिया। सिंधिया ने कहा कि शिवराज सरकार ने साबित कर दिया कि अगर इरादा हो तो विकास का रास्ता कोई नहीं रोक सकता है। उन्होंने 5 महीने की सरकार में ग्वालियर चंबल के लिए और हर क्षेत्र के लिए पूरे प्रदेश के लिए विकास योजनाएं दी हैं। जिंदगी में कई लोग ऐसे होते हैं, जिनके यहां काम लेकर जाओ तो संभव को भी असंभव कर देते हैं और कुछ ऐसे भी होते हैं, जो संभव को भी असंभव बना देते हैं। सिंधिया ने कमलनाथ के काफिले पर हमले के सवाल पर कहा कि प्रजातंत्र में किसी के भी काफिले पर हमला होना निंदनीय कार्य है। इसके पहले ग्वालियर एयरपोर्ट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक और भाजपा नेताओं में आपस में झड़प हो गई। स्वागत के दौरान दो पक्ष के नेताओं के बीच हुई तीखी नोकझोंक हुई।
नाथ का वादा, सीएम बनते ही किसानों के लिए होंगे बेहतर फैसले
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि केंद्र की भाजपा सरकार ने कोरोना महामारी का फायदा उठाकर किसान विरोधी तीन काले कानून असंवैधानिक तरीके से पास करा दिए। इतना ही नहीं इन किसान विरोधी कानूनों को पास करते हुए केंद्र सरकार ने भारत के संघीय ढांचे को भी आघात पहुंचाया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 246 की सातवीं अनुसूची में कृषि और कृषि मंडियां राज्य सरकारों का अधिकार है। मगर चंद पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए राज्यों के अधिकारों का हनन करते हुए किसान विरोधी तीन काले कानूनों का क्रूर प्रहार किसानों पर किया है। कमलनाथ ने कहा कि मैं दृढ़ संकल्पित हूं कि मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनते ही किसानों के हित में फैसला लूंगा। इन तीनों काले कानून को मध्यप्रदेश में लागू नहीं होने दूंगा। साथ ही मंडी टैक्स को न्यूनतम स्तर पर लाया जाएगा और मंडियों का दायरा भी बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार नाम मात्र एक या दो फसलें समर्थन मूल्य पर खरीदती है बाकी की फसलों के लिए किसान बाजार के भरोसे होता है। अगर, बड़े व्यापारी असीमित मात्रा में भंडारण करके रखेंगे और किसानों की फसलों के आने पर उसे बाजार में उतार देंगे तो किसानों की उपज की कीमत जमीन पर आ जाएगी और किसान औने-पौने दाम में अपनी फसल बेचने पर मजबूर होगा।
सिंधिया-तुलसी फैसला नहीं करते तो भाजपा की सरकार नहीं होती : प्रदेश की 28 सीटों में सबसे हॉट मानी जाने वाली सीट सांवेर में कमल खिलाने के लिए भाजपा पूरी ताकत लगा रही है, लेकिन भाजपा के कई कार्यकर्ता बदले सियासी समीकरण में तुलसी सिलावट के लिए एकजुट नहीं हो रहे हैं। ऐसे में खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भाजपाइयों को एकजुट करने गुरुवार को इंदौर आए। बायपास स्थित गार्डन में मुख्यमंत्री ने कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया। शिवराज ने कहा कि भाजपा हमारी मां है और इसके दूध की लाज रखना है। इस मौके पर पंडितों ने मंत्रोच्चार के साथ बूथ लेवल, पन्ना प्रभारियों, मंडलों और हजारों कार्यकतार्ओं को सुपारी हाथ में देकर जीत का संकल्प दिलाया। उन्होंने तुलसी सिलावट की ओर इशारा करते हुए कहा कि यदि ये सरकार नहीं गिराते तो भाजपा की सरकार भी नहीं बनती। तुलसी दूध में शक्कर की तरह पार्टी में मिल गए हैं।
