बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि पति-पत्नी का अवैध संबंध तलाक का आधार हो सकता है, लेकिन बच्चे की कस्टडी न देने का नहीं। जस्टिस राजेश पाटिल की सिंगल बेंच ने 12 अप्रैल को एक 9 साल की बच्ची की कस्टडी उसकी मां को सौंपने का निर्देश देते हुए ये टिप्पणी की।
कोर्ट ने एक शख्स की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उसने अपनी बेटी की कस्टडी पत्नी को देने को लेकर फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता की वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट से कहा कि महिला के कई अवैध संबंध हैं, इसलिए बच्चे की कस्टडी पिता को मिलनी चाहिए।
इस पर कोर्ट ने कहा कि जरूरी नहीं कि महिला अच्छी पत्नी नहीं है तो वह अच्छी मां भी न हो। जस्टिस पाटिल ने कहा कि बच्ची सिर्फ 9 साल की है, जो कि युवावस्था से पहले की उम्र है। ऐसे मामलों में बच्ची का अपनी मां के साथ रहना ही उसके लिए सही है।