झांसी (उत्तर प्रदेश), उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में ‘वन विलेज वन पॉन्ड’ पहल के तौर पर पिछले चार महीनों में 406 तालाबों को पुनर्जीवित किया गया है। इस पहल से महामारी के दौरान अपने गांवों में लौटे लगभग 11,000 प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्रदान किया गया है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, झांसी में 496 ग्राम पंचायतें हैं और शेष गांवों के 90 तालाबों पर काम अभी भी चल रहा है। इस महीने के अंत तक काम पूरा होने की संभावना है।
झांसी के जिला मजिस्ट्रेट आंद्रा वामसी ने कहा, “हम शेष तालाबों को परिष्कृत करने के अंतिम दौर में हैं। इसके पीछे यही मकसद है कि जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में तालाब अच्छी स्थिति में हो।”
यह काम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (एमजीएनआरईजीएस) के तहत किया गया था।
राष्ट्रीय लॉकडाउन के दौरान वापस आने वाले 11,000 प्रवासी श्रमिकों में से बड़ी संख्या में इन जल निकायों को पुनर्जीवित करने में शामिल हैं।
उन्होंने कहा, “अब तक जिले में करीब 1.12 लाख लोगों को मनरेगा के तहत रोजगार प्राप्त हुआ है और प्रत्येक श्रमिक को प्रति दिन 182 रुपये का भुगतान किया जाता है। प्रशासन की इस पहल पर छह करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है।”
वामसी के अनुसार, जल निकायों के पुनरुद्धार से सूखाग्रस्त बुंदेलखंड में भूजल स्तर को सुधारने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि जिले में पानी का सिर्फ एक स्रोत है, वह है बेतवा नदी और अब लोगों को सिंचाई के लिए पानी और अन्य कार्यों के लिए इन जल निकायों से पानी मिल सकेगा।