नई दिल्ली, | दिल्ली पुलिस ने शुक्रवार को दिल्ली हाईकोर्ट को सूचित किया कि राष्ट्रीय राजधानी के अंदर विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि कोविड-19 महामारी के बीच मौजूदा स्थिति के मद्देनजर 31 दिसंबर तक राजनीतिक गतिविधियां बंद हैं। दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अधिवक्ता गौतम नारायण ने न्यायमूर्ति नवीन चावला की अध्यक्षता वाली हाईकोर्ट की एकल न्यायाधीश पीठ के समक्ष यह बात रखी।
अदालत ने दिल्ली पुलिस से आम आदमी पार्टी (आप) के राजनेताओं राघव चड्ढा और आतिशी की ओर से दायर याचिका पर जवाब भी मांगा, जिनमें गृह मंत्री अमित शाह और उपराज्यपाल अनिल बैजल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन की अनुमति मांगी गई है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान नारायण ने कहा कि दिल्ली में किसी भी तरह का कोई राजनीतिक जमावड़ा स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने कहा, ”निषेध पूरे शहर में लागू होता है, न कि केवल एक सड़क पर।
नारायण ने जोर देते हुए कहा, विरोध के लिए केवल दो निर्दिष्ट स्थान हैं – रामलीला मैदान और जंतर मंतर।
दिल्ली पुलिस का पक्ष रखते हुए नारायण ने हाईकोर्ट से कहा, इन दोनों में भी शर्तों का अनुपालन करना होगा। इन दोनों के अलावा, किसी भी आवासीय क्षेत्र में कोई विरोध नहीं किया जा सकता है। यह हमारी समझ है।
आप के दोनों विधायक 13 दिसंबर को गृहमंत्री और उपराज्यपाल के घरों के बाहर नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (एनडीएमसी) द्वारा धन के कथित दुरुपयोग के विरोध में धरना-प्रदर्शन करना चाहते थे, लेकिन उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी गई।
13 दिसंबर को दोनों विधायकों को कुछ अन्य आप नेताओं के साथ अनुमति के बिना दोनों जगहों पर विरोध-प्रदर्शन करने के प्रयास के लिए पुलिस ने हिरासत में लिया था। इनमें विधायक राघव चड्ढा, आतिशी, रितु राज, कुलदीप कुमार, संजीव झा और कई अन्य शामिल थे।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, कई आप नेताओं और पार्टी कार्यकतार्ओं को रविवार सुबह हिरासत में लिया गया था।