शोध मामले में यूपी के विश्वविद्यालयों ने रचा इतिहास, तीसरे नंबर पर पूर्वांचल विश्‍वविद्यालय

शोध मामले में यूपी के विश्वविद्यालयों ने रचा इतिहास, तीसरे नंबर पर पूर्वांचल विश्‍वविद्यालय

लखनऊ: प्रदेश की बेसिक शिक्षा को नए आयाम देने के साथ मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा को भी नई ऊंचाईयों तक पहुंचा रहे हैं। पूर्वाचल के विकास के साथ यहां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में किए प्रयासों के परिणाम आने शुरू हो गए हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय और यूजीसी (यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन) के सहयोग से शोध को बढ़ाने के लिए बनाए गए शोध गंगा पोर्टल पर 6 महीने पहले देश में पांचवा स्थान रखने वाला वीरबहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय (वीबीएस)अब देश में तीसरे और प्रदेश में अव्वल नम्बर पर आ गया है। विश्वविद्यालय की ओर से शोध गंगा पोर्टल पर अब तक 8211 थीसिस अपलोड की गई हैं। कानपुर का छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय भी टॉप टेन में अपनी जगह बनाए हुए है।

देश भर में शोध की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यूजीसी के सहयोग से शोध गंगा पोर्टल तैयार किया गया है। यूजीसी की ओर से सभी विश्वविद्यालय को इस पोर्टल पर अपनी थीसिस अपलोड करने के निर्देश भी दिए हैं। इससे थीसिस के कंटेंट चोरी पर लगाम लगी है। साथ ही किसी शोधार्थी के किए गए शोध कार्य दुनिया के दूसरे कोने में बैठे अन्य शोधार्थी भी देखकर उसका फायदा भी उठा सकते हैं।

प्रदेश में 17 राज्य विश्वविद्यालय हैं। इसमें, 8211 थीसिस के साथ वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विवि जौनपुर देश भर में तीसरे नम्बर पर है। कानपुर का छत्रपति साहू जी महाराज विश्वविद्यालय देश भर के विश्वविद्यालयों में छठवें स्थान पर है। इसके अलावा 4598 थीसिस के साथ डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विवि अयोध्या भी टॉप विश्वविद्यालयों में अपनी जगह बनाए हुए है। यहां पिछले छह महीने में काफी तेजी से काम हुआ है। चौधरी चरण सिंह विवि मेरठ से 2122 थीसिस अपलोड की गईं।

आचार्य नरेन्द्र देव कृषि विश्वविद्यालय 186, लखनऊ विश्वविद्यालय 1047, इलाहाबाद विश्वविद्यालय 1356, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय की ओर से 2122 थिसिस (शोध कार्य) गंगा पर अपलोड किए गए हैं। इसके अलावा सरकार के सहयोग से प्रदेश के निजी विश्विद्यालय भी शोध के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं।

कुछ साल पहले तक शोधार्थियों द्वारा कॉपी-पेस्ट करके शोध प्रस्तुत किया जाता रहा। इसमें न मौलिकता होती थी न गुणवत्ता। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने शोध में मौलिकता लाने और गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की मदद से नए सॉफ्टवेयर शोध गंगा एप की शुरूआत की। इसमें विश्वविद्यालयों को अपने यहां हुए शोध की सीडी पोर्टल पर अपलोड करनी होती है। अब तक पूरे देश के 476 विश्वविद्यालयों द्वारा 2,91,848 थीसिस पोर्टल पर अपलोड किए जा चुके हैं।

पूर्व अध्यक्ष लुआक्टा डॉ. मौलेन्दु मिश्र कहते हैं कि यूजीसी की ओर से तैयार किए गए शोध गंगा एप से शोध क्षेत्र में गुणवत्ता बढ़ी है। खासकर यूपी के विश्वविद्यालयों में शोध पर काफी तेजी से काम हो रहा है। यूपी में उच्च शिक्षा को ऊंचाइयों तक ले जाने का पूरा श्रेय मुख्यमंत्री को जाता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website