शिवसेना का मोदी सरकार पर हमला, पूछा- चीन से कब आंखों में आंखें डालकर बात करोगे?

शिवसेना का मोदी सरकार पर हमला, पूछा- चीन से कब आंखों में आंखें डालकर बात करोगे?

मुंबई। अरुणाचल प्रदेश में बसे चीनी गांव के मुद्दे पर शिवसेना ने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा है। शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए मोदी सरकार से सवाल पूछा है कि भारत में बने चीनी गांव पर चीन से कब आंखों में आंखें डालकर बात करोगे?  संपादकीय में कहा गया है कि हिंदुस्तान की सीमा में घुसकर अरुणाचल प्रदेश के सीमा क्षेत्र में चीन ने एक पूरा गांव बसा लिया है। यह सब कुछ एक रात में नहीं हुआ है, कई महीने चीनी सैनिक और वहां के लाल बंदरों की सरकार इस गांव को बसाने में जुटी हुई थी। 

इसके साथ ही सामना में कहा गया है कि इस निर्माण कार्य के लिए चीन के सैनिक और प्रशासन लगातार जुटे हुए थे। निर्माण कार्य के संसाधन आ रहे थे लेकिन हमारी केंद्र की सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी। लद्दाख में भी इसी प्रकार कई किलोमीटर भीतर घुसकर चीन ने देश की हजारों वर्ग किलोमीटर जमीन हड़प ली। उसी तरह फिर एक बार चीनियों ने अरुणाचल में देश की सीमा के अंदर एक नया गांव बसा डाला। उन्होंने कहा कि भारत का विदेश मंत्रालय ही इस पर प्रकाश डाल सकता है।

राहुल गांधी का मोदी पर हमला
इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अरुणाचल प्रदेश के सीमावर्ती इलाके में चीन द्वारा गांव बसाने के दावे वाली खबरों को लेकर मंगलवार को प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था। उन्होंने एक खबर साझा करते हुए ट्वीट किया, उनका वादा याद करिए- मैं देश झुकने नहीं दूंगा।  मोदी जी, वो 56 इंच का सीना कहां है ? कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने भी सोमवार को इस मामले पर सरकार से जवाब मांगा था। खबरों के मुताबिक, चीन ने अरुणाचल प्रदेश में एक नया गांव बसाया है, जहां लगभग 100 से अधिक घर बने हुए दिखाई दे रहे हैं। 1 नवंबर, 2020 को उपग्रह के माध्यम से ली गई इन तस्वीरों से पुष्टि हुई है कि यह गांव भारत की सीमा के 4.5 किलोमीटर अंदर बना हुआ है। इन खबरों पर सतर्कता पूर्वक प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने सोमवार को कहा कि वह देश की सुरक्षा पर असर डालने वाले समस्त घटनाक्रमों पर लगातार नजर रखता है और अपनी संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अपने नागरिकों की आजीविका को उन्नत बनाने के लिए सड़कों और पुलों समेत सीमा पर अवसरंचना के निर्माण को तेज कर दिया। 

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