नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई आंतकी हमले की 12वीं बरसी पर कहा कि इस हमले में हमारे पुलिस बल के कई जाबांज भी शहीद हुए थे। मैं उन्हें नमन करता हूं। 80वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत का गौरव और सम्मान सबसे पहले है। देश के गौरव से बड़ा कुछ नहीं है। साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि संविधान को जानना हर नागरिक के लिए जरुरी है।पीएम मोदी ने कहा कि आज की तारीख, देश पर सबसे बड़े आतंकी हमले के साथ जुड़ी हुई है। आज का भारत नई नीति-नई रीति के साथ आतंकवाद का मुकाबला कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं आज मुंबई हमले जैसी साजिशों को नाकाम कर रहे, आतंक को एक छोटे से क्षेत्र में समेट देने वाले, भारत की रक्षा में प्रतिपल जुटे हमारे सुरक्षाबलों का भी वंदन करता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि 2008 में पाकिस्तान से आए आतंकियों ने मुंबई पर धावा बोल दिया था। इस हमले में अनेक भारतीयों की मृत्यु हुई थी। कई और देशों के लोग मारे गए थे। मैं मुंबई हमले में मारे गए सभी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।
पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें
- आज का दिन पूज्य बापू की प्रेरणा को, सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिबद्धता को प्रणाम करने का है। ऐसे अनेक प्रतिनिधियों ने भारत के नवनिर्माण का मार्ग तय किया था देश उन प्रयासों को याद रखे, इसी उद्देश्य से 5 साल पहले 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया गया था।
- संविधान के तीनों अंगों की भूमिका से लेकर मर्यादा तक सबकुछ संविधान में ही वर्णित है।
- 70 के दशक में हमने देखा था कि कैसे separation of power की मर्यादा को भंग करने की कोशिश हुई थी, लेकिन इसका जवाब भी देश को संविधान से ही मिला।
- इमरजेंसी के उस दौर के बाद Checks and Balances का सिस्टम मज़बूत से मज़बूत होता गया। विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका तीनों ही उस कालखंड से बहुत कुछ सीखकर आगे बढ़े।
- भारत की 130 करोड़ से ज्यादा जनता ने जिस परिपक्वता का परिचय दिया है, उसकी एक बड़ी वजह, सभी भारतीयों का संविधान के तीनों अंगों पर पूर्ण विश्वास है। इस विश्वास को बढ़ाने के लिए निरंतर काम भी हुआ है।
- कोरोना के इसी समय में हमारी चुनाव प्रणाली की मजबूती भी दुनिया ने देखी है। इतने बड़े स्तर पर चुनाव होना, समय पर परिणाम आना, सुचारु रूप से नई सरकार का बनना, ये इतना भी आसान नहीं है।
- हमें हमारे संविधान से जो ताकत मिली है, वो ऐसे हर मुश्किल कार्यों को आसान बनाती है।