मप्र में सौर ऊर्जा के प्रति जागृति लाएगी एनर्जी स्वराज यात्रा

मप्र में सौर ऊर्जा के प्रति जागृति लाएगी एनर्जी स्वराज यात्रा

भोपाल, | दुनिया में बिगड़ते पर्यावरण के संरक्षण के लिए तरह-तरह के नवाचार किए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए भोपाल से एनर्जी स्वराज यात्रा शुरू हुई है। इसका ब्रांड एम्बेसडर राज्य के खरगौन जिले के निवासी और मुम्बई आईआईटी के पूर्व छात्र प्रो. चेतन सोलंकी बनाया गया है। यह यात्रा 11 साल चलेगी। राजधानी के मिंटो हॉल में आयोजित कार्यक्रम में यात्रा को रवाना करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि, “बिगड़ते पर्यावरण से समाज के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है। सौर ऊर्जा सहित अक्षय ऊर्जा के अन्य साधनों का उपयोग हमें इस खतरे से बचा सकता है। मध्यप्रदेश सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य करके दिखायेगा। वर्ष 2010 में मध्यप्रदेश में नवीन और नवकरणीय ऊर्जा विभाग बनाया गया। वर्ष 2012 में 400 मेगावॉट के सौर ऊर्जा उत्पादन के बाद वर्तमान में नवकरणीय ऊर्जा से 5000 मेगावॉट उत्पादन तक हम पहुंच चुके हैं। वर्ष 2022 तक 10 हजार मेगावॉट उत्पादन का लक्ष्य है।”

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि सौर ऊर्जा को अधिक से अधिक लोकप्रिय बनाने के प्रयास किये जायेंगे। मध्यप्रदेश के युवा प्रो. चेतन सोलंकी जन-जागृति के लिये परिवार से दूर रहकर 11 वर्ष की एनर्जी स्वराज यात्रा पर निकले हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा है कि सोलर एनर्जी प्योर, श्योर और सेक्योर है। इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं है। प्रत्येक नागरिक को प्रो. सोलंकी का हृदय से अभिनन्दन करना चाहिये।

मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि यह विचारणीय है कि हम कैसी धरती चाहते हैं। मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा के उपयोग की शुरूआत नीमच में 135 मेगावाट के संयंत्र से हुई। बाद में रीवा में 750-750 मेगावॉट के संयंत्र शुरू हुए। इसे निरन्तर बढ़ाया जायेगा। अनेक जिलों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं का क्रियान्वयन होगा।

प्रो. चेतन सोलंकी खरगौन जिले के रहने वाले हैं। उन्होंने गत 20 वर्ष से सौर ऊर्जा पर नवाचार और शोध कार्य किया है। उन्हें आईईई संस्था ने 10 हजार डॉलर का एवार्ड दिया है। इसके साथ ही उन्हें प्राइम मिनिस्टर एवार्ड फॉर इनोवेशन दिया जा चुका है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उनके कार्य को इसलिये भी सम्मान प्राप्त है, क्योंकि उन्होंने ऊर्जा स्वराज शब्द गढ़ा है। ऊर्जा स्वराज यात्रा दिसम्बर 2030 तक चलेगी। इसका उद्देश्य जन-जन को सौर ऊर्जा के उपयोग और उसके महत्व से अवगत करवाना है। ऊर्जा स्वराज आन्दोलन जलवायु परिवर्तन की दिशा में लोगों को सचेत करते हुए सौर ऊर्जा को एक समाधान के रूप में अपनाने के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रारंभ किया गया है।

प्रो. चेतन सोलंकी के किसान पिता विक्रम सिंह सोलंकी ने बताया कि, “उन्हें बेटे पर गर्व है। चेतन आर्थिक परेशानियों के बीच चिमनी की रोशनी में स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद बेलजियम गये। पीएच.डी. भी की और राष्ट्र के कल्याण का सोच रखते हुए वर्षो लम्बी यात्रा के लिये परिवार में अपना विचार रखा। हमारे परिवार ने चेतन को इसकी अनुमति प्रदान कर दी है। परिवार से इतने साल दूर रहकर चेतन यह यात्रा देशभर में करेंगे।”

विक्रम सिंह ने कहा कि उनका मानना है कि प्रत्येक व्यक्ति को पर्यावरण का स्वामी न बनकर उसका संरक्षक बनना चाहिये।

मुख्यमंत्री चौहान ने प्रो. चेतन सोलंकी की टीम और परिजन को भी बधाई दी। कार्यक्रम के प्रारंभ में संस्कृत विश्वविद्यालय के डॉ. कालिका प्रसाद शुक्ल और उनके साथियों ने सूर्य मंत्र का समूह गान किया।

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