भोपाल | मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की सरकार द्वारा पैसे की कमी बताए जाने के बयानों पर तंज कसा और कहा कि जो नेता पैसों की कमी का बहाना बनाए, वह कैसा नेता। मुख्यमंत्री चौहान ने गुरुवार को सुवासरा, हाटपिपल्या के मंडल सम्मेलनों में हिस्सा लिया और कहा कि, “कांग्रेस सरकार के समय जब भी कोई विधायक, मंत्री अपने क्षेत्र के विकास की बात करते थे, कमलनाथ के पास एक ही जवाब होता था, पैसे नहीं हैं। लेकिन मामा कहता है विकास के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है। जो पैसे की कमी का बहाना लेकर हाथ पर हाथ रखकर बैठ जाए, वो नेता कैसा? नेता तो वही है जो आड़े वक्त पर लोगों के काम आए। जो मुसीबतों के बीच से रास्ता निकाल ले।”
मुख्यमंत्री चौहान ने आगे कहा कि, “कमलनाथ सरकार पूरे समय पैसे की कमी का रोना रोती रही, लेकिन हमने कोरोना संकट में भी इसके लिए व्यवस्था की। यह सही बात है कि आर्थिक दिक्कत है, लेकिन हमने उसके बीच से रास्ता निकाला। कोरोना काल में भी हमने गरीबों, मजदूरों के खाते में पैसे डाले। एक लाख 78 हजार हितग्राहियों के खातों में सामाजिक सुरक्षा के पैसे डाले। 14 सौ करोड़ रुपए पेंशन के डाले। बच्चों की स्कॉलरशिप के 540 करोड़ रुपये दिए, मध्यान्ह भोजन के पैसे दिये और रसोइयों के खातों में दो-दो हजार रुपये डाले। हर एक व्यक्ति को भोजन मिले इसकी व्यवस्था की।”
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के उस बयान पर भी चौहान ने चुटकी ली, जिसमें उन्होंने पूछा था कि मुझसे क्या गलती हुई, क्या पाप किया, जो सरकार गिराई। उन्होंने कहा कि, “मैं कहता हूं कि कितनी गलतियां गिनाएं कमलनाथ? हम बच्चों की फीस भरते थे, आपकी सरकार ने बंद कर दी। बहनों को लडडू के 16000 देते थे, बंद कर दिए। कन्यादान योजना की राशि नहीं दी, गरीबों की मौत पर मिलने वाली राशि नहीं दी, तुमने तो गरीबों का कफन तक छीन लिया। बुजुर्गो का तीर्थदर्शन बंद करा दिया, बच्चों के लैपटॉप, स्मार्टफोन छीन लिए और पूछते हो कि क्या पाप किया?”
उन्होंने कहा कि, “कमलनाथ सरकार ने पूरे प्रदेश को धोखा दिया, गद्दारी की। ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके साथियों ने आकर प्रदेश को बचा लिया, वर्ना वह सरकार अगर पांच साल चल जाती, तो पता नहीं प्रदेश का क्या होता। ऐसी सरकार को गिराना कोई पाप नहीं है।”