पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला- किसानों के कंधे पर बंदूक रख कर रहे वार

पीएम मोदी का विपक्ष पर हमला- किसानों के कंधे पर बंदूक रख कर रहे वार

नई दिल्ली, | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के भोपाल में शुक्रवार को आयोजित किसान महासम्मेलन को वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि अचानक भ्रम और झूठ का जाल बिछाकर अपनी राजनीतिक जमीन हासिल करने के खेल खेले जा रहे हैं। किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर वार किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने किसान महासम्ममेलन में कहा, “मैं सभी राजनीतिक दलों को कहना चाहता हूं कि आप अपना क्रेडिट अपने पास रखिए। मुझे क्रेडिट नहीं चाहिए। मुझे किसान के जीवन में आसानी चाहिए, समृद्धि चाहिए, किसानी में आधुनिकता चाहिए। कृपा करके किसानों को बरगलाना, उन्हें भ्रमित करना छोड़ दीजिए।”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे लगता है कि उनको पीड़ा इस बात से नहीं है कि कृषि कानूनों में सुधार क्यों हुआ? उनको तकलीफ इस बात से है कि जो काम हम कहते थे, लेकिन कर नहीं पाते थे, वो मोदी ने कैसे किया, मोदी ने क्यों किया?

किसान आंदोलन के बीच आयोजित इस महासम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने तीनों कृषि कानूनों के फायदे भी गिनाए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “किसानों को सिर्फ मंडियों से बांधकर बीते दशकों में जो पाप किया गया है, ये कृषि सुधार कानून उसका प्रायश्चित कर रहे हैं। मैं विश्वास से कहता हूं कि हमने हाल में जो कृषि सुधार किए हैं, उसमें अविश्वास का कारण ही नहीं है, झूठ के लिए कोई जगह ही नहीं है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्ववर्ती सरकारों के दौरान किसानों की समस्याओं का जिक्र करते हुए कहा, “आज यूरिया की किल्लत की खबरें नही आतीं, यूरिया के लिए किसानों को लाठी नहीं खानी पड़ती। हमने किसानों की इस तकलीफ को दूर करने के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया। देश के किसानों को याद दिलाऊंगा यूरिया की। याद करिए, 7-8 साल पहले यूरिया का क्या हाल था? रात-रात भर किसानों को यूरिया के लिए कतारों में खड़ा रहना पड़ता था या नहीं? कई स्थानों पर, यूरिया के लिए किसानों पर लाठीचार्ज की खबरें आती थीं या नहीं?”

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे देश में किसानों के साथ धोखाधड़ी का बहुत ही बड़ा उदाहरण है, कांग्रेस सरकारों द्वारा की गई कर्जमाफी। जब दो साल पहले मध्य प्रदेश में चुनाव होने वाले थे तो 10 दिन के भीतर कर्जमाफी का वादा किया गया था। कितने किसानों का कर्ज माफ हुआ?

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