नई दिल्ली। केंद्र द्वारा लागू कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान भारी पुलिस बल की मौजूदगी में सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर डटे हुए हैं। किसानों ने रविवार सुबह 11 बजे बैठक की और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ऑफर ठुकरा दिया। किसानों ने तय किया है कि वे अभी सिंधु बॉर्डर पर ही प्रदर्शन करेंगे और बुराड़ी के निराकारी समागम मैदान में नहीं जाएंगे। किसानों ने कहा कि हमें जतंर-मंतर जाने दिया जाए नहीं तो यहीं डटे रहेंगे। इसके अलावा किसानों ने तय किया है कि वे रोजाना सुबह 11 बजे मीटिंग करेंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे। बता दें कि किसान दिल्ली की सीमा पर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं।
ये था शाह का ऑफर
शाह ने शनिवार को किसानों से अपील की थी कि वे अपना विरोध प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी के बुराड़ी मैदान में चले जाएं। साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों के निर्धारित स्थल पर जाते ही केंद्र सरकार उनके साथ वार्ता करने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने उत्तरी दिल्ली के निरंकारी मैदान में पानी, शौचालय और चिकित्सा देखभाल की व्यवस्था की है ताकि किसानों को कोई असुविधा न हो और वे वहां लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से अपना प्रदर्शन कर सकें। गृह मंत्रालय के आधिकारिक व्हाट्सऐप ग्रुप पर शाह की अपील को पोस्ट किया गया है।
उत्तर प्रदेश के किसानों का भी समर्थन
सिंघू बॉर्डर पर पहले से मौजूद किसानों के अलावा पंजाब और हरियाणा से और किसान भी यहां पहुंच गए, जिससे एकत्र किसानों की संख्या बहुत बढ़ गई। प्रदर्शनकारी किसानों को उत्तर प्रदेश के किसानों का भी समर्थन मिला, जो शनिवार की दोपहर अपने वाहनों के साथ गाजीपुर बार्डर पर एकत्र हुए थे। इससे पूर्व दिन में संयुक्त पुलिस आयुक्त (उत्तर रेंज) सुरेंद्र सिंह यादव ने सिंघू बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और उसके बाद संवाददाताओं को बताया कि उत्तर दिल्ली के मैदान में करीब 600 से 700 किसान पहुंचे हैं। यादव ने बताया कि पुलिस और प्रशासन ने निर्दिष्ट प्रदर्शन स्थल पर किसानों के लिए पर्याप्त इंतजाम किए हैं।
जंतर-मंतर पर जाएंगे या फिर यहीं रहेंगे
एक किसान नेता ने बताया कि पंजाब से दिल्ली प्रवेश करने के प्रमुख रास्ते सिंघू बॉर्डर पर किसानों की बैठक में फैसला लिया गया कि वे वहां से नहीं हटेंगे और प्रदर्शन जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि हम यहीं (सिंघू बॉर्डर पर) प्रदर्शन जारी रखेंगे। हम घर वापस नहीं जाएंगे। पंजाब और हरियाणा से हजारों किसान प्रदर्शन में शामिल होने के लिए आए हैं।” एक अन्य किसान ने कहा कि हम प्रदर्शन स्थल पर नहीं जाएंगे और अपना प्रदर्शन राष्ट्रीय राजमार्ग पर ही जारी रखेंगे। बता दें कि शुक्रवार को सैकड़ों किसानों ने संत निरंकारी ग्राउंड पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश किया था। भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जे सिंह जेठुके ने कहा कि हम केंद्र सरकार से आंदोलन के लिए जंतर-मंतर पर जगह देने का आग्रह करते हैं। हम किसी भी कीमत पर बुराड़ी मैदान नहीं जाएंगे।
दिल्ली पुलिस की एडवाइजरी
दिल्ली यातायात पुलिस ने ट्वीट किया कि आजादपुर और बाहरी रिंगरोड से सिंघू बार्डर के लिए यातायात की अनुमति नहीं है। उसने ट्वीट किया कि टिकरी बॉर्डर को बंद कर दिया गया है। हरियाणा जाने के लिए झड़ौदा, दौराला, झटीकरा, बदुसारी, कापसहेड़ा, राजोकरी एनएच 8, बिजवासन/बाजघेरा, पालम विहार और डौंडाहेरा बॉर्डर खुले हैं। यातायात पुलिस ने कहा कि सिंघू बॉर्डर अब भी दोनों ओर से बंद है। संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) मीनू चौधरी ने कहा कि हम यात्रियों से सिंघू बॉर्डर एवं टिकरी बॉर्डर, मुकरबा चौक, NH-44, जीटी करनाल रोड और बाहरी रिंगरोड की ओर यात्रा करने से बचने करने की अपील करते हैं। केन्द्र ने पंजाब के कई किसान संगठनों को वार्ता के एक और दौर के लिए 3 दिसंबर को दिल्ली आमंत्रित किया है।