कमल नाथ भ्रष्टाचार के पर्याय : विष्णु दत्त शर्मा

कमल नाथ भ्रष्टाचार के पर्याय : विष्णु दत्त शर्मा

भोपाल, | भारतीय जनता पार्टी के मध्य प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ पर बड़ा हमला बोला है और उन्हें और उनकी पूर्ववर्ती सरकार को भ्रष्टाचार का पर्याय बताया है। राज्य में इन दिनों 28 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनाव के लिए प्रचार चल रहा है और भाजपा सभी सीटें जीतने के लिए पूरा जोर लगाए हुए है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा हर विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर जनसभा और कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे हैं।

शर्मा ने कहा, यह चुनाव राज्य के भविष्य का चुनाव है, कमल नाथ के नेतृत्व वाली सरकार का काल राज्य के दुरावस्था के कार्यकाल के तौर पर याद किया जाएगा, क्योंकि गरीबों की जनकल्याणकारी योजनाओं को बंद कर दिया गया था और पूरी सरकार ही भ्रष्टाचार में लिप्त थी। कमल नाथ सरकार में मंत्री रहे डॉ. गोविंद सिंह तो यहां तक कहते थे कि राज्य में रेत की खदानों के ठेके थाना प्रभारी लेने लगे हैं। वही उमंग सिंगार ने तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को शराब और रेत माफिया तक कहा था।

शर्मा ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि, वास्तव में कमल नाथ की सरकार और स्वयं कमल नाथ भ्रष्टाचार के पर्याय बन गए थे। पूरा प्रदेश इस बात को जानता है, राज्य में तबादला उद्योग चल रहा था और तबादला करके अधिकारी नहीं बल्कि वास्तव में वसूली ठेकेदार तैनात किए जाते थे। कमल नाथ के करीबी के यहां तो ढाई सौ करोड़ से ज्यादा का लेन-देन का ब्यौरा मिला था। कुल मिलाकर कमलनाथ उनकी सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी हुई थी।

शर्मा ने राज्य में हो रहे उप-चुनाव को प्रदेश को बचाने वाला चुनाव बताते हुए कहा कि, कांग्रेस सरकार अंर्तद्वंद्व से घिरी हुई थी, विकास की योजनाएं थम गई, गरीब कल्याण की योजनाओं पर विराम लग गया, वहीं भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच गया था। यह चुनाव पूरी तरह विकास के मुददे पर लड़ा जा रहा है। भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राज्य में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में हो रहे जनहितैशी व विकास कार्यों को लेकर इस चुनाव में जनता के बीच जा रही है।

कांग्रेस द्वारा प्रलोभन देकर दल-बदल कराए जाने के आरोपों को खारिज करते हुए शर्मा ने कहा कि, कमल नाथ सरकार का क्या हाल था यह किसी से छुपा नहीं है। जब उनकी सरकार के मंत्री ही खुले तौर पर आरोप लगाते थे, कि कमल नाथ सरकार कमीशन खोरी और सौदेबाजी से चल रही है, तो उस सरकार को तो जाना ही था। जो वादे करके कांग्रेस सत्ता में आई थी वह पूरे नहीं किए गए, इस बात को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया नाराज थे और सरकार गिरा दी गई। भाजपा का तो इसमें कोई लेना-देना ही नहीं है।

उप-चुनाव में मतदाता भाजपा को वोट क्यों दें, इस सवाल का जवाब देते हुए बी.डी शर्मा ने कहा कि, भाजपा के 15 साल का शासन काल और बीते सात माह का शासनकाल आम मतदाता के सामने है। शिवराज सिंह जैसा जन हितैषी मुख्यमंत्री प्रदेश की कमान संभाले हुए हैं, वहीं कांग्रेस की सरकार किसने चलाई यह तो पूरा प्रदेश जानता है। कमलनाथ तो सिर्फ मुख्यमंत्री थे जबकि सरकार की वास्तविक कमान तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह संभाले हुए थे। यह वही दिग्विजय सिंह हैं जिन्होंने अपने 10 साल के शासनकाल में पूरे प्रदेश को चौपट कर दिया था, इसीलिए उन्हें बंटाधार कहा जाता है। कांग्रेस की 15 माह की सरकार में भी दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में वही हुआ जो उनके मुख्यमंत्री रहते काल में हुआ था। सड़कों का क्या हाल था बिजली की क्या स्थिति थी, उसे लोग आज तक नहीं भूले हैं।

कमल नाथ के साथ विकास का छिंदवाड़ा मॉडल जुड़ा हुआ है। इसका जिक्र करते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि, कमल नाथ ने 15 माह मध्य प्रदेश नहीं सिर्फ छिंदवाड़ा का मुख्यमंत्री बनकर काम किया। सारी योजनाएं छिंदवाड़ा ले गए, पन्ना जिले का कृषि महाविद्यालय भी छिंदवाड़ा ले गए। छिंदवाड़ा मध्य प्रदेश का हिस्सा है, वहां का विकास होना चाहिए, साथ ही राज्य के अन्य हिस्सों की भी मुख्यमंत्री के तौर पर चिंता की जानी चाहिए। कमल नाथ को पूरे राज्य के लिए जो करना चाहिए था, वैसा नहीं किया।

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