नैरोबी, | ओलंपिक चैंपियन और मैराथन विश्व रिकॉर्ड होल्डर एलिउड किपचोगे 11 अप्रैल को होने वाले एनएन हैमबर्ग मैराथन से वापसी करने के लिए तैयार हैं।
किपचोगे को पिछले साल लंदन मैराथन में हार का सामना करना पड़ा था। इससे पहले उन्होंने 10-0 का मैराथन जीत का रिकॉर्ड कायम रखा था, जो लंदन ओलंपिक में हार के साथ ही रुक गया।
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, ओलंपिक में अपना खिताब बचाने से पहले वह जर्मन मैराथन में हिस्सा लेंगे।
किपचोगे ने कहा, “मेरा पहला लक्ष्य हैमबर्ग में अच्छे से दौड़ना है। इससे लोगों को उम्मीद मिलेगी। यह एक अगला पड़ाव होगा, जिससे हमें पता चलेगा कि हम सामान्य होने के लिए सही रास्ते पर हैं।”
उन्होंने कहा, “हैमबर्ग के साथ मेरी बहुत सारी यादें हैं, यह मेरा पहला मैराथन था। मुझे याद है कि मैं उस समय नहीं जानता था कि 25 किमी, 30 किमी, 35 किमी और 40 किमी में क्या होता है। यहां से मैराथन में मेरा जीवन शुरु हुआ था।”
किपचोगे ने 2013 हमबर्ग मैराथन में दो घंटे पांच मिनट 30 सेकेंड में दौड़ पूरी कर जीत हासिल की थी और उन्होंने 13 मैराथन में से 11 में जीत हासिल की है।
2013 में बर्लिन में हारने के बाद किपचोगे पिछले साल लंदन मैराथन में हारे थे, जो उनके करियर की दूसरी हार थी।
किपचोगे ने कहा, “यहां जीतने से मेरे अंदर आत्मविश्वास बढ़ा और इसने मेरे करियर में बड़ी भूमिका अदा की। अब मैं एक बार फिर एक दम अलग स्थिति में हमबर्ग में दौड़ने जा रहा हूं। विश्व भर में हमें चुनिंदा मैराथन में दौड़ने मिल रहा है और यह मेरे लिए खुद को परखने का अच्छा अवसर है।”
कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में किपचोगे अन्य धावकों के लिए विभिन्न स्थानीय कंपनी के साथ मिलकर खाने का इंतजाम करते थे।
किपचोगे ने कहा, “ट्रेनिग में जाना और वायरस से बचने के लिए किसी के साथ भी नहीं मिलना काफी कठिन था। मैं टीम के साथ ट्रेनिंग शुरु करके खुश हूं लेकिन हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम प्रोटोकॉल के अनुसार सुरक्षित तरीके से काम करें क्योंकि अभी वायरस गया नहीं है।”