बेंगलुरु, | भारतीय महिला हॉकी टीम की अनुभवी डिफेंडर दीपग्रेस एक्का का मानना है कि ओलंपिक की तैयारियों को देखते हुए अर्जेटीना और जर्मनी का दौरा काफी अहम रहा और इससे टीम को मदद मिली। विश्व की बेहतरीन टीमों के खिलाफ खेलने से भारतीय महिला टीम को अपने खेल को विकसित करने तथा टोक्यो ओलंपिक को देखते हुए किन विभागों में सुधार करना है उसे जानने का अवसर मिला।
एक्का ने कहा, “विश्व की शीर्ष रैंकिग टीमें अर्जेटीना और जर्मनी जिनका खेलने का तरीके काफी अलग है, उनके खिलाफ खेलने से ओलंपिक को देखते हुए हमें किन विभागों में सुधार करना है यह जानने में मदद मिली। विश्व की नंबर-3 टीम अर्जेटीना मैन टू मैन खेलती है और उनका तरीका परंपरागत है। निजी तौर पर मेरे लिए जर्मनी के खिलाफ खेलना दिलचस्प रहा।”
उन्होंने कहा, “इस बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं कि जर्मन खिलाड़ी मैदान पर किस तरह संवाद करते हैं और कैसे मौके को भुनाते हैं। उनका अटैक काफी आक्रामक होता है।”
एक्का का मानना है कि जर्मनी के खिलाफ अनुभव ओलंपिक के पहले मैच में विश्व की नंबर-1 टीम नीदरलैंड के खिलाफ काफी मदद करेगा।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि जर्मनी और नीदरलैंड का एक समान तरीका है। उनका आक्रमण काफी एक हद तक एक जैसा है। मेरा मानना है कि अर्जेटीना और जर्मनी के खिलाफ खेलने से हमारा मनोबल बढ़ा है।”
एक्का ने कहा, “हम जब विश्व की इन शीर्ष टीमों के खिलाफ खेलते हैं तो हमारे दिमाग में कोई भय नहीं रहता है। हमारी फिटनेस भी काफी महत्वपूर्ण है। हम जल्दी से थकते नहीं है और अगर हम शुरुआत में पिछड़ते हैं तो थकान नहीं होने के कारण जल्द से जल्द वापसी कर लेते हैं।”