कोलकाता, | जैसे ही महान फुटबाल खिलाड़ी अर्जेटीना के डिएगो माराडोना के निधन की खबर आई, भारतीय फुटबाल का मक्का कहे जाने वाले कोलकाता के घरों में सन्नाटा सा पसर गया। अपनी कप्तानी में अर्जेटीना को 1986 में विश्व कप दिलाने वाले माराडोना को सर्वकालिक महान फुटबाल खिलाड़ियों में गिना जाता है। बुधवार को ब्यूनस आयर्स में उत्तरी इलाके में टिगरे में उनके घर में दिल का दौरा पड़ने से माराडोना का निधन हो गया।
उनके निधन के बाद कोलकाता के लोग अतीत की यादों में चले गए और 2008 तथा 2017 में जब महान फुटबाल खिलाड़ी इस शहर में आया था, उसकी यादों को ताजा करने लगे। माराडोना एक चैरिटी मैच में हिस्सा लेने कोलकाता आए थे।
पश्चिम बंगाल की सीपीआई-एम के नेता समिक लाहिरी ने कहा, “मुझे याद है जब हम अर्जेटीना में उनके घर में उनसे मिले थे। हम तीनों लोगों ने उनसे मुलाकात की थी और कोलकाता आने का निमंत्रण दिया था। हम एक कमरे में उनका इंतजार कर रहे थे। उन्होंने हमें सिर्फ पांच मिनट का समय दिया। वह हॉल में टी-शर्ट और शॉर्टस में आए थे और हमारा खुले दिन से स्वागत किया। उन्होंने हम तीनों को इस तरह से गले लगाया जैसे हम पहले से परिचित हों। हमें कभी एहसास नहीं हुआ कि हम इस महान फुटबाल खिलाड़ी से पहली बार मिल रहे हैं।”
लाहिरी ने कहा कि माराडोना को कोलकाता लाते हुए उन्होंने महान फुटबाल खिलाड़ी को दिवंगत ज्योति बासु के बारे में बताया था और अर्जेटीना के खिलाड़ी ने उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की थी।
लाहिरी ने कहा, “मुझे याद है कि हमने उनसस कहा था कि हमारे पास एक वामपंधी लीजेंड ज्योति बासु हैं और वह हमारे लिए फिदेल कास्त्रो हैं। उन्होंने तुरंत बासु से मिलने की इच्छा जाहिर की। मिलने का समय सिर्फ 10 मिनट था लेकिन मुलाकात एक घंटे तक चली। वह इतने साधारण और मासमू इंसान थे।”
शहर के फुटबाल समुदाय के लोगों ने भी बताया कि कैसे उस समय सिटी ऑफ जॉय के नाम से मशहूर कोलकाता ने माराडोना का स्वागत किया था।
प्रिंस ऑफ कोलकाता के नाम से मशहूर भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने ट्वीट किया, “मेरा हीरो नहीं रहा.. मेरा मैड जीनियस भगवान के पास चला गया। मैंने तुम्हारे लिए फुटबाल देखी।”
भारतीय फुटबाल टीम के मौजूदा कप्तान सुनील छेत्री ने ट्वीट किया, “वह इंसान हमें छोड़ गया। उनका जादू, पागलपन और लेजेंड कभी नहीं जा सकेंगे।”
माराडोना को खास तौर पर 1986 विश्व कप में अपने दो गोल के लिए जाना जाता है जो उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में किए थे। एक गोल को ‘हैंड ऑफ गॉड’ की संज्ञा दी गई तो दूसरे को ‘गोल ऑफ दे संचुरी’ बताया गया।