नई दिल्ली, | एयर इंडिया के 209 कर्मचारियों का एक समूह एक निजी फाइनेंसर के साथ साझेदारी करके राष्ट्रीय विमान वाहक के लिए बोली लगाएगा।
आईएएनएस ने सबसे पहले इसकी जानकारी दी थी कि एयर इंडिया के कर्मचारी निजी इक्वि टी फंड के साथ साझेदारी राष्ट्रीय विमान वाहक के लिए बोली लगाने के लिए तैयारी कर रहे हैं और प्रत्येक कर्मचारी को बोली के लिए 1 लाख रुपये का योगदान करने के लिए कहा जाएगा।
बोली प्रक्रिया की अगुवाई एयर इंडिया की वाणिज्यिक निदेशक मीनाक्षी मलिक कर रही हैं।
मीनाक्षी मलिक ने एयर इंडिया के टीम मेंबर्स को लिखे एक पत्र में कहा, “पीआईएम (प्रारंभिक सूचना ज्ञापन) शुक्र है कि, एयर इंडिया के कर्मचारियों के लिए एयरलाइन का प्रभार और स्वामित्व लेना संभव बना दिया, और यह अंत में, विभिन्न नियमों और शर्तों को मुहैया कराता है, जिन्हें पूरा करने की आवश्यकता होती है। इसे हम सामूहिक रूप से करने का इरादा रखते हैं।”
विमान के लिए बोली लगाने की अंतिम तिथि 14 दिसंबर है।
मलिक ने कहा, “मोटे तौर पर, यह परियोजना स्वयं अन्य सभी प्रतिभागियों के साथ बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करती है, जो एआई और इसकी परिसंपत्तियों का स्वामित्व लेना चाहते हैं। यदि मीडिया रिपोर्ट्स सच हैं, तो हम संभवत सबसे बड़े कॉरपोरेट में से कुछ के खिलाफ बोली लगाएंगे।”
उन्होंने कहा, “परियोजना के दौरान, हमें इस एयरलाइन को स्वयं, संचालित करने की हमारी इच्छा और क्षमता को प्रमाणित करने वाले विभिन्न दस्तावेज और प्रमाण प्रस्तुत करने होंगे। वित्तीय रूप से, मुझे पता है कि हमारे पास इस बोली प्रक्रिया में भाग लेने के लिए आवश्यक संसाधन नहीं है। इसलिए हमने एक निजी इक्विटी फंड की ओर रूख किया है, जो हमारे साथ कंपनी में निवेश करेगा और लाभ साझा करेगा। मुझे इस बात पर जोर देना है, हम अपने वित्तीय साझेदार के साथ इस तरह की बातचीत कर रहे हैं कि हमारा कर्मचारी प्रबंधन कंसोर्टियम सामूहिक रूप से हमारे एयरलाइन के 51 प्रतिशत (यानी बहुसंख्यक) हिस्से को नियंत्रित करेगा और वित्तीय साझेदार का कंपनी में 49 प्रतिशत हिस्सा रहेगा।”
मलिक ने कहा, “इस प्रक्रिया में सफल होने के लिए हमें एक-दूसरे से दो अन्य प्रतिबद्धताएं करनी है। सबसे पहले, पूर्ण विवेक और गोपनीयता का आश्वासन। जैसा कि आप जानते हैं, कोई भी जानकारी अगर लीक हुई तो, यह हमारी बोली और अवसरों को खतरे में डालेगा। इसलिए मैं आप सभी से अपील करता हूं कि जो भी हमारे छोटे समूह का हिस्सा नहीं है, उसके साथ इस मामले पर चर्चा न करें। दूसरा, परियोजना के प्रति प्रतिबद्धता, क्योंकि यह आपके समर्पण, आपके श्रम और आपकी सफलता के लिए है।”