भारतीय होटल उद्योग का प्रति उपलब्ध कमरे के लिहाज से 53 फीसदी राजस्व गिरा

भारतीय होटल उद्योग का प्रति उपलब्ध कमरे के लिहाज से 53 फीसदी राजस्व गिरा

मुंबई, | भारत के आतिथ्य उद्योग में कोविड-19 महामारी के प्रभाव के कारण पिछले साल की समान अवधि में जनवरी से सितंबर 2020 के दौरान राजस्व प्रति उपलब्ध कमरे (रेवप्र) में 52.8 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। संपत्ति सलाहकार जेएलएल की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है। जेएलएल के होटल मोमेंटम इंडिया (एचएमआई) 2020 की तीसरी तिमाही के अनुसार, कुल मिलाकर इन्वेंट्री वॉल्यूम के लिहाज से ब्रांड साइनिंग में 2020 की तीसरी तिमाही में वर्ष 2019 की तीसरी तिमाही के तुलना में 19 फीसदी की गिरावट आई है।

भारत के सभी प्रमुख 11 बाजारों ने पिछले वर्ष की इसी अवधि में 2020 की तीसरी तिमाही में रेवप्र के प्रदर्शन में कमी दर्ज की गई।

पिछले 2020 में इसी अवधि में 88.1 फीसदी की गिरावट के साथ, बेंगलुरू ने 2020 की तीसरी तिमाही में रेवप्र में सबसे तेज गिरावट देखी।

होटल एंड हॉस्पिटैलिटी ग्रुप (इंडिया), जेएलएल के प्रबंध निदेशक जयदीप डांग ने कहा, “निवेशक व्यवसाय और अवकाश (लीशर) दोनों स्थानों में परिचालन होटल के अवसरों की खोज करने में रुचि ले रहे हैं। 2020 की तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की चरणबद्ध अनलॉकिंग के साथ, हम विशेष रूप से सप्ताहांत बढ़ोतरी के साथ अवकाश बाजार की मांग में क्रमिक वृद्धि देख रहे हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

English Website