नई दिल्ली, | भारत सरकार ने हाल ही में घरेलू उद्योग को बढ़ावा देने और आयात निर्भरता को कम करने के लिए एयर कंडीशनर (एसी) के आयात पर प्रतिबंध की घोषणा की है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से उद्योग बाधित हो सकता है। हालांकि उनका यह भी कहना है कि लंबी अवधि में इस दिशा में पूरे सुधार की भी संभावना है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह प्रतिबंध सरकार की ओर से कई घोषणाओं का पूर्वसूचक भी हो सकता है, जिसमें घटकों (कंपोनेंट्स) पर आयात शुल्क बढ़ाना भी शामिल है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “इस प्रकार, हम यह मानते हैं कि अगले पांच से सात वर्षो में भारत शायद अपनी आयात निर्भरता को लगभग शून्य कर देगा।”
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का एसी उद्योग अत्यधिक प्रतिस्पर्धी है, जिसमें 35-40 ब्रांड हैं। जबकि शीर्ष छह कंपनियां 75-80 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी रखते हैं।
रिपोर्ट में बताया गया है, “हम मानते हैं कि व्यवसाय मॉडल व्यापक रूप से प्रभावित होंगे, क्योंकि भारत एसी उद्योग में अधिक आत्मनिर्भर बनने की ओर बढ़ रहा है। कम समय में यह ओईएम के साथ-साथ प्रमुख ब्रांडों (शीर्ष पांच से छह कंपनियां) को अधिक से अधिक व्यापार के मौके देगा।”
इसमें आगे कहा गया है कि कुछ ब्रांड अन्य ब्रांडों को अपनी अतिरिक्त क्षमता प्रदान करने पर भी विचार कर रहे हैं।
लंबे समय तक अग्रणी ब्रांडों में भी विघटन होने की संभावना है, और उनकी पूंजी की तीव्रता बढ़ने की उम्मीद है।