कोच्चि, | एनसीपी की केरल इकाई, जो वर्तमान में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) की सहयोगी है, एनसीपी के विधायक मणि सी. कप्पन के अनुसार विभाजित हो गई है, जो गुट का नेतृत्व करते हैं। कप्पन ने शनिवार को दिल्ली से यहां पहुंचने के बाद यह बात कही, जहां राज्य इकाई के नेतृत्व में राज्य एनसीपी नेतृत्व ने अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ बैठक की।
कप्पन ने कहा, “मैं अब एलडीएफ में नहीं हूं और कल हम कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष रमेश चेन्निथला की पाल में चल रही रैली में शामिल होंगे और हम कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के सहयोगी बन जाएंगे।”
कप्पन ने कहा कि एनसीपी के 14 जिला अध्यक्षों में से सात और राष्ट्रीय समिति में शामिल 17 राज्य नेताओं में से नौ उनके साथ हैं।
केरल में वर्षो से एनसीपी वाम दलों की सहयोगी रही है और वर्तमान में इसके दो विधायक हैं, जिनमें एक राज्य मंत्री भी शामिल है।
पिनाराई विजयन सरकार में एनसीपी के उम्मीदवार ए.के. ससीन्द्रन ने कहा कि कप्पन ने उन सभी लोगों को निराश किया है, जिन्होंने उन्हें चुना है, खासकर एलडीएफ।
ससीन्द्रन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कप्पन ने छोड़ने का निर्णय लिया।
एलडीएफ संयोजक और सीपीएम नेता ए. विजयराघवन ने कहा, “कप्पन केवल एक व्यक्ति हैं और पार्टी नहीं है, क्योंकि एनसीपी वामपंथी गठबंधन में बनी हुई है, उनके जाने से कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”
विपक्ष के नेता और राज्य में अपनी यात्रा का नेतृत्व कर रहे कांग्रेस के दिग्गज नेता रमेश चेन्निथला ने कप्पन के फैसले का स्वागत किया।
चेन्निथला ने कहा, “हम कप्पन का स्वागत करते हैं और वह अपनी मौजूदा सीट पाल से लड़ेंगे। वामपंथियों ने कप्पन को धोखा दिया है, क्योंकि उनकी जीत वाली सीट उस पार्टी को दी जा रही है, जो चुनाव हार गई थी।”