नई दिल्ली: देश में अंग्रेजों के जमाने से चल रहे कानूनों की जगह 3 नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1 जुलाई से लागू हो गए हैं। इन्हें IPC (1860), CrPC (1973) और एविडेंस एक्ट (1872) की जगह लाया गया है।
कानूनों के लागू होने के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने मीडिया को इन कानूनों की जानकारी दी। शाह ने कहा कि आजादी के 77 साल बाद क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम अब पूरी तरह से स्वदेशी हो गया है।
शाह बोले- अब दंड की जगह न्याय मिलेगा। मामलों में देरी की जगह स्पीडी ट्रायल होगा। साथ ही सबसे आधुनिक क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम बनेगा।
22.5 लाख पुलिसकर्मियों को 12 हजार मास्टर ट्रेनर ने ट्रेनिंग दी
गृहमंत्री के मुताबिक देशभर में 22.5 लाख से ज्यादा पुलिसकर्मियों को नए क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की ट्रेनिंग 12 हजार से ज्यादा मास्टर ट्रेनर्स ने दी है। लोकसभा में 9.29 घंटे चर्चा हुई, उसमें 34 सदस्यों ने भाग लिया। राज्यसभा में 6 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई। इसमें 40 सदस्यों ने भाग लिया।
शाह ने कहा कि यह भी झूठा कहा जा रहा है कि विधेयक को सांसदों को बाहर भेजे जाने (निलंबित किए जाने) के बाद लाया गया। विधेयक को पहले ही कार्य मंत्रणा समिति के पास भेजा जा चुका था।