पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का तेजस्वी यादव के खिलाफ दिए गए हनीमून वाले बयान पर विवाद बढ़ गया है। विवाद इतना बढ़ गया कि पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव ने जीतनराम मांझी को बुढ़ापे का ख्याल रखने की हिदायत देते हुए पोल खोल देने की धमकी तक दे डाली।
लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव से जब हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के हनीमून वाले बयान के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने सवाल टाल दिया। तेजस्वी यादव शुक्रवार को ही पटना लौटे थे। लेकिन तेजस्वी यादव के बड़े भाई और तेजप्रताप ने मांझी के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि मांझी अपने बुढ़ापे का ख्याल रखें और संभल जाएं। उन्होंने कहा कि मांझी बगल वाले घर में ही रहते हैं। सब पता है कि कमरे में क्या-क्या करते हैं, हम भी पोल खोल देंगे। मांझी जी अपने बुढ़ापे का ख्याल रखना चाहिए। उनके बेटे का महिला पुलिसकर्मी के साथ लफड़ा हो गया था। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि क्या मांझी बाहर जाएंगे] तो हनीमून मनाने जाएंगे?
रिजवान ने तेजप्रताप से पूछे ये सवाल
तेजप्रताप यादव के बयान के हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने पलटवार करते हुए पूछा कि तेजप्रताप बताएं कि किन गंदी हरकतों की वजह से तेजप्रताप यादव ने अपनी पत्नी ऐश्वर्या राय को घर से निकाला? दिल्ली के फार्महाउस पार्टी में किस कारण तेजप्रताप और तेजस्वी की पिटाई हुई थी? इतना ही नहीं रिजवान ने तेजप्रताप यादव को हद में रहने की चेतावनी भी दी। दानिश ने कहा कि हम पोल खोलेंगे, तो लालू प्रसाद के चरित्रवान पुत्र सड़क पर आ जाएंगे।
क्या है हनीमून विवाद :
जीतनराम मांझी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को लेकर हनीमून वाला बयान दिया था। मांझी ने कहा था कि जब भी देश या बिहार में किसी प्रकार का संकट आता है, तो ये तीनों नेता हनीमून मनाने चले जाते हैं। मांझी के इसी बयान पर तेजप्रताप यादव ने पलटवार किया है। मांझी ने यह विवादित बयान पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया था। यहां उनसे आरजेडी नेता तेजस्वी यादव के गायब रहने को लेकर सवाल किया गया था। जवाब में उन्होंने कहा था कि 2019 लोकसभा चुनाव में हार के बाद तेजस्वी यादव करीब एक महीने गायब रहे। उन्होंने कहा कि बिहार में जब भी कोई गंभीर समस्या आती है चाहे वो बाढ़ हो, चमकी बुखार हो या फिर किसान आंदोलन का मुद्दा हो, तेजस्वी हमेशा ऐसे मौकों पर राज्य से गायब रहते हैं।