सियाचिन में अपनी जान गंवाने वाले शहीद लांस नायक चंद्रशेखर हरबोला का पार्थिव शरीर 38 साल बाद मंगलवार को उनके घर पहुंचेगा। वे 19 कुमाऊं रेजिमेंट से जुड़े थे। 29 मई 1984 को सियाचिन में ऑपरेशन मेघदूत के दौरान वे बर्फीले तूफान का शिकार हो गए थे। तब उनका शव नहीं मिल पाया था। तभी से उनकी तलाश की जा रही थी।
13 अगस्त को चंद्रशेखर का शव मिलने की सूचना उनके परिवार को दी गई। मंगलवार को उनकी बॉडी उत्तराखंड के हल्द्वानी लाई जाएगी, जहां सैनिक सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया जाएगा।