सीजीटीएन ने चरम मौसम के बारे में इंटरनेट सर्वेक्षण किया

सीजीटीएन ने चरम मौसम के बारे में इंटरनेट सर्वेक्षण किया

बीजिंग: आजकल दुनियाभर में चरम मौसम का प्रकोप चल रहा है। भारत में उच्च तापमान जारी है, स्पेन में गंभीर सूखा पड़ रहा है, जर्मनी में बाढ़ की आपदा आई है और चीन के कई क्षेत्रों में भी गर्मी जारी है। चाइना मीडिया ग्रुप के अधीनस्थ सीजीटीएन ने हाल में इंटरनेट सर्वेक्षण जारी किया। इससे जाहिर है कि सर्वेक्षण में शामिल 86.28 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाताओं ने विकसित देशों से वैश्विक जलवायु परिवर्तन का सक्रिय मुकाबला करने के लिए जिम्मेदारी उठाने की अपील की। विश्व आर्थिक मंच द्वारा जारी वैश्विक जोखिम रिपोर्ट-2024 में कहा गया है कि चरम मौसम दुनिया के सामने मौजूद सबसे बड़े जोखिमों में से एक होगा। यह जोखिम तेजी से बढ़ रहा है। सर्वेक्षण में शामिल 73.92 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाताओं ने चरम मौसम का अनुभव किया है। 80.13 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाता चिंतित हैं कि चरम मौसम सामान्य हो जाएगा। वहीं, 81.86 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाताओं ने कहा कि चरम मौसम से कृषि, व्यापार और पर्यटन आदि कई व्यवसायों पर बुरा असर पड़ेगा। साथ ही इससे जान-माल को नुकसान होगा। विश्लेषकों का मानना है कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन चरम मौसम होने का मुख्य कारण है। सर्वेक्षण में शामिल 82.69 प्रतिशत वैश्विक उत्तरदाताओं ने कहा कि जलवायु परिवर्तन का मुकाबला आर्थिक विकास की मांग ही नहीं, बड़े जिम्मेदाराना देशों का अंतर्राष्ट्रीय कर्तव्य भी है। गौरतलब है कि यह सर्वेक्षण सीजीटीएन के अंग्रेजी, स्पेनिश, फ्रेंच, अरबी और रूसी प्लेटफार्म पर जारी किया गया। 24 घंटों में 13,112 नेटिजनों ने इसमें भाग लिया और अपने विचार व्यक्त किए।

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