योम किप्पुर यहूदी धर्म में एक पवित्र दिन माना जाता है। इसी दिन 6 अक्टूबर 1973 को मिस्र और सीरिया के नेतृत्व में अरब देशों ने इजराइल पर हमला कर दिया। मिस्र के राष्ट्रपति मोहम्मद अनवर सादात और सीरियाई राष्ट्रपति हफीज अल असद उस जमीन को वापस पाना चाहते थे, जिसे इजराइल ने 1967 के सिक्स डे वॉर में कब्जा कर लिया था।
इस जंग में रूस, सीरिया और मिस्र की मदद कर रहा था। ऐसे में अमेरिका ने इजराइल का समर्थन किया और उसे हथियारों से भी मदद पहुंचाई। अमेरिका की इस मदद से इजराइल इस जंग में बढ़त हासिल करने में कामयाब रहा। इजराइल को मिले अमेरिकी समर्थन से नाराज होकर सऊदी अरब और अन्य ओपेक देशों ने तेल का उत्पादन कम कर दिया।
इससे अमेरिका में तेल के दाम बढ़ गए। तेल के दाम बढ़ने से अमेरिका सहित पूरी दुनिया में महंगाई चरम पर पहुंच गई। इस संकट से निकलने के लिए अमेरिका और सऊदी अरब के बीच 8 जून 1974 को एक समझौता हुआ। अब 50 साल के बाद मीडिया रिपोर्ट्स में ये दावा किया जा रहा है कि ये समझौता रद्द हो गया है।