बीते वित्त वर्ष में ईपीएफओ के नए सदस्यों की संख्या घटकर 1.09 करोड़ रही

बीते वित्त वर्ष में ईपीएफओ के नए सदस्यों की संख्या घटकर 1.09 करोड़ रही

नई दिल्ली: बीते वित्त वर्ष में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के नए सदस्यों की कुल संख्या चार प्रतिशत घटकर 1.09 करोड़ रही है। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। ईपीएफओ की भारत में पेरोल रिपोर्टिंग: एक रोजगार परिप्रेक्ष्य-जनवरी से अप्रैल, 2024 रिपोर्ट के अनुसार ईपीएफओ ने 2022-23 में कुल 1,14,98,453 नए सदस्य जोड़े थे। यह संख्या 2023-24 में घटकर 1,09,93,119 रह गई है। महामारी के कारण ईपीएफओ से जुड़ने वाले नए सदस्यों की कुल संख्या में 2020-21 में गिरावट आई थी और यह 85,48,898 रही थी। इससे पिछले वित्त वर्ष 2019-20 में ईपीएफओ से 1,10,40,683 नए सदस्य जुड़े थे। 2021-22 में ईपीएफओ से जुड़ने वाले नए सदस्यों की संख्या 1,08,65,063 रही थी। देश में कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र और राज्यों ने 2020 और 2021 में लॉकडाउन लगाया था, जिससे आर्थिक गतिविधियों के साथ-साथ रोजगार भी प्रभावित हुआ था। आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 तक पिछले पांच वित्तीय वर्षों में ईएफपीओ द्वारा जोड़े गए कुल नए सदस्य 2018-19 के पूर्व-कोविड स्तर तक नहीं पहुंचे थे। अप्रैल, 2018 से मंत्रालय सितंबर, 2017 के बाद की अवधि के संगठित क्षेत्र के रोजगार संबंधी आंकड़े जारी कर रहा है। इसमें तीन प्रमुख योजनाओं कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ), कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) और राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) से जुड़ने वाले सदस्यों की जानकारी ली जाती है। रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के सदस्यों की सकल वृद्धि भी 2022-23 के 1,67,73,023 से घटकर 2023-24 में 1,67,60,672 रह गई है। हालांकि, रिपोर्ट के अनुसार एनपीएस के तहत नए सदस्यों की संख्या 2022-23 के 8,24,735 से बढ़कर 2023-24 में 9,37,020 हो गई।

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