नई दिल्ली, | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को घोषणा की कि भारत कृषि उपयोग के लिए एथेनॉल के उत्पादन और उपयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इस क्षेत्र में विकास के लिए एक रोडमैप शुरू हो गया है, क्योंकि यह 21वीं सदी के भारत की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक बन गया है। विश्व पर्यावरण दिवस पर एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने यह भी घोषणा की कि आज, हमने 2025 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के लक्ष्य को पूरा करने का संकल्प लिया है।
मोदी ने कहा कि भारत ने आज (शनिवार) इस अवसर पर एक और बड़ा कदम उठाया है और इथेनॉल क्षेत्र के विकास के लिए एक विस्तृत रोडमैप जारी किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, देश भर में इथेनॉल के उत्पादन और वितरण के लिए महत्वाकांक्षी ई-100 पायलट परियोजना भी पुणे में शुरू की गई है।
उन्होंने कहा कि अब एथेनॉल 21वीं सदी के भारत की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक बन गया है। इथेनॉल पर ध्यान देने से पर्यावरण के साथ-साथ किसानों के जीवन पर भी बेहतर प्रभाव पड़ रहा है।
मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को 21वीं सदी की आधुनिक सोच और आधुनिक नीतियों से ही ऊर्जा मिलेगी। इस सोच के साथ हमारी सरकार लगातार हर क्षेत्र में नीतिगत फैसले ले रही है।
आभासी सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत एक बड़ी वैश्विक ²ष्टि के साथ आगे बढ़ रहा है चाहे वह अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन हो, जो एक सूर्य, एक विश्व, एक ग्रिड, या आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे की पहल के लिए गठबंधन के ²ष्टिकोण को पूरा करता हो।
उन्होंने जलवायु परिवर्तन के कारण आने वाली चुनौतियों के बारे में भारत की जागरूकता का भी उल्लेख करते हुए कहा कि हम भी इस दिशा में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 6-7 साल में रिन्यूएबल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) की हमारी क्षमता में 250 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। भारत वर्तमान में स्थापित अक्षय ऊर्जा क्षमता के मामले में दुनिया के शीर्ष पांच देशों में जगह बना चुका है।
उन्होंने कहा कि पिछले छह वर्षों में सौर ऊर्जा की क्षमता में लगभग 15 गुना वृद्धि हुई है।
मोदी ने कहा, आज भारत दुनिया के सामने एक मिसाल कायम कर रहा है कि जब पर्यावरण की रक्षा की बात आती है तो ऐसा करते समय विकास कार्यों को रोकना जरूरी नहीं है।
उन्होंने कहा, अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी दोनों एक साथ चल सकते हैं और आगे बढ़ सकते हैं और भारत ने यही रास्ता चुना है।
जलवायु की रक्षा को लेकर प्रधानमंत्री ने पर्यावरण की रक्षा के प्रयासों को संगठित करने की अपील की।
पीएम मोदी ने कहा, जब देश का प्रत्येक नागरिक जल, वायु और भूमि का संतुलन बनाए रखने के लिए संयुक्त प्रयास करेगा, तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित वातावरण दे पाएंगे।